सीईओ ने किया पुल का निरीक्षण
नोएडा से कालिंदी कुंज के बीच ओखला बैराज के साथ यमुना नदी पर बन रहे नए पुल से उम्मीद थी कि इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा लेकिन इसके निर्माण में हो रही देरी से हाल-फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली

नोएडा। नोएडा से कालिंदी कुंज के बीच ओखला बैराज के साथ यमुना नदी पर बन रहे नए पुल से उम्मीद थी कि इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा लेकिन इसके निर्माण में हो रही देरी से हाल-फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली है। निर्माण शुरू होने के 39 महीने बाद भी यह प्रॉजेक्ट आधा ही पूरा हुआ है। इसके मद्देनजर शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने परियोजना अभियंताओं के साथ पुल का निरीक्षण किया पुल निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
बताते चले कि इस रूट पर हर दिन 2 लाख वाहन गुजर रहे हैं। आने वाले दिनों में एनएच-24 को 14 लेन बनाने के दौरान डायवर्जन की जरूरत पड़ेगी तो इस रूट पर एक से डेढ़ लाख वाहन बढ़ सकते हैं। इससे दिक्कत और बढ़ेगी। यमुना नदी पर 6 लेन के इस पुल का निर्माण अगस्त, 2014 में शुरू हुआ था। यह कार्य 24 महीने में पूरा होना था। इसी बीच पुल का निर्माण करने वाली एनकेजी कंपनी के डायरेक्टर प्रदीप गर्ग अक्टूबर 2016 में यादव सिंह प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए।
तब से पुल निर्माण की रफ्तार धीमी चल रही है। हालत यह है कि पुल का निर्माण शुरू हुए करीब 39 महीने पूरे होने जा रहे हैं, मगर अभी तक सिर्फ 57 फीसदी कार्य ही पूरा हुआ है। देरी की वजह से प्राधिकरण ने निर्माण कंपनी पर 5 लाख रुपए प्रति महीने के हिसाब से जुर्माना भी लगा चुकी है। इसके बावजूद निर्माण में लगातार हो रही देरी से प्राधिकरण भी असमंजस में है। इसकी धीमी गति को देखते हुए ही सीईओ ने शुक्रवार को पुल का निरीक्षण किया साथ संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
इसके बाद सीईओ ने सेक्टर-37 में बन रही पार्किंग के अलावा सेक्टर-18 मल्टीलेवल पार्किंग का निरीक्षण किया। बताते चले पार्किंग अक्टूबर माह में खुलनी थी। लेकिन अब यह पार्किंग दिसम्बर 2017 में खोली जाएगी। इसी तरह यमुना पुल मार्च -2018 में खोले जाने के निर्देश दिए। इसके बाद सीइओ सेक्टर-39 स्थित निर्माणाधीन अस्पताल पहुंचे। यहा निरिक्षण किया। इस दौरान वरिष्ठ परियोजना अभियंता एससी मिश्राए सीपीई होम सिंह यादव आदि अधिकारी मौजूद रहे।


