प्रदेश के आठ अति पिछड़े जिलों में केंद्रीय निगरानी संघीय कार्यप्रणाली का उल्लंघन : अजय सिंह
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश के आठ अति पिछड़े जिलों में निगरानी के लिए केंद्रीय मंत्री और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जवाबदेही सौंपने को संघीय प्रणाली व्यवस्था

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश के आठ अति पिछड़े जिलों में निगरानी के लिए केंद्रीय मंत्री और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जवाबदेही सौंपने को संघीय प्रणाली व्यवस्था का उल्लंघन और राज्य सरकार पर अविश्वास व्यक्त करने वाला कदम बताया है।
सिंह के कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक श्री सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि वे इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराएं और आवश्यकता पड़े तो लोकतांत्रिक तरीके से किए जाने वाले विरोध में वे उनका साथ देंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री चौहान से कहा है कि समाचार पत्रों में उन्होंने पढ़ा कि प्रदेश के अति पिछड़े जिले राजगढ, बड़वानी, खंडवा, सिंगरौली, दमोह, गुना और छतरपुर के साथ ही मुख्यमंत्री के व्यवसायिक जिले और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का लोकसभा क्षेत्र विदिशा में विकास कार्यों में निगरानी रखने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और आईएएस अफसरों की नियुक्ति की गयी है। यह शर्मनाक है क्योंकि इससे यह जाहिर होता है कि केंद्र सरकार का राज्य सरकार पर कोई विश्वास नहीं है। यह प्रदेश की अस्मिता का सवाल है, साथ ही संविधान द्वारा राज्यों को मिले विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने प्रदेश सरकार पर अविश्वास करके साढ़े सात करोड़ जनता का भी अपमान किया है। जिन्होंने अपना मत देकर भाजपा की सरकार बनाई थी।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के विकास पर निगरानी रखने के लिए केंद्र सरकार के असंवैधानिक कृत्य का वे घोर विरोध करते हैं। यह कदम प्रदेश के लिए अपमानजनक है।


