Top
Begin typing your search above and press return to search.

जैव इथेनॉल के उत्पादन के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की अनुमति दे केंद्र सरकार: भूपेश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में बायो-एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश के मद्देनजर न्यूनतम 10 वर्ष के लिए जैव-एथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देने का केंद्र सरकार से आग्रह किया

जैव इथेनॉल के उत्पादन के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की अनुमति दे केंद्र सरकार: भूपेश
X

नयी दिल्ली । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में बायो-एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश के मद्देनजर न्यूनतम 10 वर्ष के लिए जैव-एथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देने का केंद्र सरकार से आग्रह किया है।

श्री बघेल ने रविवार को यहां केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात की उनसे छत्तीसगढ़ सरकार की बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने के लिये सहयोग का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अधिशेष खाद्यान्नों से जैव एथेनाॅल उत्पादन की अनुमति न्यूनतम 10 वर्ष के लिये दी जानी चाहिए , ताकि राज्य में बायो-एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है और यहां के 43 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में धान की मुख्य फसल होती है। कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों का राज्य की जीएसडीपी में योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है। उन्होने कहा कि वर्ष 2018-19 में राज्य में धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था। इसमें राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन की थी तथा शेष 38 लाख टन अतिशेष धान बायोफ्यूल के लिये बचता है।

उन्होंने कहा,“मुझे आपको यह बताते हुये खुशी हो रही है कि केन्द्र की जैव ईंधन नीति, 2018 के प्रावधानों के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने बायो एथेनाॅल संयत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेश की पहल की है। इस दिशा में हमारा केन्द्र से आग्रह है कि राष्ट्रीय जैव इंधन समन्वय समिति से धान आधारित बायो एथेनाॅल का विक्रय मूल्य शीरा, शक्कर और शुगर सिरप से बने एथेनाॅल के विक्रय दर के बराबर रखा जाये , तो पर्यावरण आधारित बायो एथेनाॅल के उत्पादन में हमें काफी मदद मिलेगी। ”

श्री बघेल ने कहा कि देश में प्रति वर्ष 6.5% की दर से उर्जा की खपत बढ़ रही है। इस दिशा में सरप्लस क्राॅप, बायोफ्यूल उत्पादन का अच्छा विकल्प है। यह बढ़ती उर्जा खपत को भी पूरा करेगा। उन्होंने कहा, “ बायो एथेनाॅल, उच्च गुणवत्ता का होता है, जो इंजन को और अधिक शक्तिशाली बनाता है। यह वायु प्रदूषण को भी कम करने में काफी कारगर होने के साथ ईंधन का सस्ता विकल्प भी है , जिससे किसानों और अधिक फसल उत्पादन के लिये प्रोत्साहित होंगे।

मुख्यमंत्री ने श्री प्रधान से एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित किये जाने के साथ ही गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता पर विचार किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये इस दिशा में ध्यान देगी।

केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की मांगों पर हर संम्भव मदद का भरोसा दिया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it