केंद्र सरकार झारखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रहा है: बादल
झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रहा है

रांची। झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रहा है।
बादल ने शनिवार को यहां कहा कि कोरोना महामारी में जहां लोग एक दूसरे की मदद कर उनके जीवन को बचाने में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार कोरोना महामारी में भी राजनीति कर रही है। केंद्र सरकार के द्वारा ओछी राजनीति का परिणाम ही है कि झारखंड में आज से शुरू होने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु और 45 साल के कम आयु के लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री ,ग्रामीण विकास मंत्री , स्वास्थ्य मंत्री ,सहित पूरा कैबिनेट और विधायक , संगठन के कार्यकर्ता सहित आम लोग दिन रात मेहनत कर लोगों को बचाने में जुटे हैं, ऐसे वक्त में केंद्र सरकार के द्वारा वैक्सीन को लेकर मदद नहीं क्या जाना समझ से परे है।
कृषिमंत्री बादल ने कहा कि 18 साल से ऊपर और 45 साल से कम के राज्य में कुल 1 करोड़ 57 लाख लोग हैं , जो युवा वर्ग है, किसी समाज राज्य और देश की बागडोर इन्हीं युवाओं के कंधों पर होती है ,लेकिन इन युवाओं को ही केंद्र सरकार ने दरकिनार कर दिया है।केंद्र सरकार को इन युवाओं की याद सिर्फ और सिर्फ चुनाव के वक्त ही आती है , वे ऐसा इसलिए कह रहे है कि क्योंकि केंद्र सरकार को इन युवाओं की यदि तनिक भी चिंता होती तो वह आज से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन में झारखंड को भी पहले पायदान पर रखते। उन्होंने ऐसा नहीं किया और कोरोना जैसी इस भयानक आपदा में युवाओं को यूं ही छोड़ दिया है ।
बादल ने कहा कि सवाल सबसे बड़ा यह है कि जब केंद्र ने कहा था किक्षसभी राज्यों में 1 मई से 18 साल से ऊपर और 45 साल से कम के लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत हो जाएगी ,फिर झारखंड में यह शुरुआत क्यों नहीं हुई। जबकि झारखंड सरकार के द्वारा दो कंपनियों भारत बायोटेक तथा सिरम इंस्टीट्यूट को 25 -25 लाख डोज वैक्सीन के आर्डर दे दिए गए, अग्रिम राशि भी दे दी गई है।
इसके बावजूद राज्य सरकार को सही समय पर वैक्सीन क्यों नहीं मिल रहा है। कंपनियों के द्वारा कहा जा रहा है कि पहले केंद्र सरकार के द्वारा जो आर्डर दिए गए हैं उसकी पूर्ति की जाएगी फिर आपको दिया जाएगा ।आखिर ऐसा क्यों है, क्या झारखंड के युवा इस देश के युवा नहीं है।


