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केंद्र सरकार ने दी 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी

 केंद्र सरकार ने आज घरेलू बाजार में चीनी के दाम में सुधार के मद्देनजर चालू चीनी उत्पादन विपणन वर्ष-2017-18 (अक्टूबर-नवंबर) में 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी प्रदान की

केंद्र सरकार ने दी 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज घरेलू बाजार में चीनी के दाम में सुधार के मद्देनजर चालू चीनी उत्पादन विपणन वर्ष-2017-18 (अक्टूबर-नवंबर) में 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि सरकार ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक रखने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य यानी एक्स मिल रेट 29 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया है।



संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग की सेहत सुधारने के लिए बुधवार को चीनी के बफर स्टॉक समेत अन्य उपायों पर फैसले लिए गए। इसी के मद्देनजर सरकार ने इथेनॉल उत्पादन क्षमता निर्माण के लिए मिलों को आसान कर्ज मुहैया करवाने का फैसला किया है।

पासवान ने बताया कि सरकार ने बफर स्टॉक के लिए मिलों को 1,175 करोड़ रुपये की भरपाई करने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने इथेनॉल क्षमता निर्माण के लिए मिलों को करीब 4,500 करोड़ रुपये का आसान कर्ज मुहैया करवाने का फैसला किया।

पासवान ने कहा कि गन्ना किसानों का मिलों पर 22,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान समय से करने को लेकर सरकार ने चीनी मिलों को सहायता करने का फैसला किया है

उन्होंने कहा, "हम चीनी मिलों को चलाने की गारंटी नहीं दे सकते हैं, बल्कि लागत से कम चीनी का दाम होने से जो मिलों को नुकसान हो रहा है, उसकी क्षतिपूर्ति करना हमारा काम है।"



उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया समय पर नहीं भुगतान होने पर राज्य सरकार मिलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

बफर स्टॉक तय होने पर 30 लाख टन चीनी मिलों के गोदाम में पड़ी रहेगी, वह बाजार में नहीं आएगी तो आपूर्ति घटने से घरेलू बाजार में चीनी के दाम में इजाफा हो सकता है।

देश में चालू पेराई सत्र 2017-18 में देश में 320 लाख टन के करीब चीनी उत्पादन का अनुमान है, जबकि सालाना घरेलू खपत 250 लाख टन है।


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