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केंद्र का विशेष आर्थिक पैकेज जनता के साथ धोखा : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज को जनता के साथ धोखा बताते हुए कहा कि इसमें राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है

केंद्र का विशेष आर्थिक पैकेज जनता के साथ धोखा : ममता
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज को जनता के साथ धोखा बताते हुए कहा कि इसमें राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से राहत के कदमों का ऐलान के बाद सुश्री बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,“मंगलवार को जब पीएम ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की तो लोगों को उम्मीद थी कि कुछ मिलेगा, राज्यों के हितों पर ध्यान दिया जाएगा, एफआरबीएम की सीमा बढ़ाई जाएगी लेकिन वित्त मंत्री की घोषणाओं के बाद पता चला कि सभी छले गए हैं, उन्हें कुछ नहीं मिला है। आर्थिक पैकेज महज धोखा है और इसमें राज्यों को कुछ नहीं मिला है।”

सुश्री बनर्जी ने केंद्र सरकार पर संघीय व्यवस्था को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह आर्थिक पैकेज के नाम पर कोविड संकट के समय लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने इस पैकेज को एक बड़ा शून्य भी करार दिया।

इससे पहले सुश्री बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक से कुछ हासिल नहीं हुआ और राज्य की अनदेखी की गयी है।

सुश्री बनर्जी ने मंगलवार को सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक से बंगाल को कुछ हासिल नहीं हुआ। केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक बंगाल के हिस्से का कोष जारी नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा,“मैंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान कई मुद्दे उठाए। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगी कि हमें हर बार खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। हमें अभी तक अपने हिस्से का कोष नहीं मिला है।”

सुश्री बनर्जी ने कहा,“मैं सभी राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि बंगाल के लोग संघवाद की भावना का सम्मान करते हुए दृढ़ता से आपके साथ खड़े हुए हैं और हमारे लिए सर्वप्रथम मानवता की भावना है। मेरा विनम्र अनुरोध है कि संघीय ढांचे को न तोड़े। इस संकट से निपटना हमारी जिम्मेदारी है और हम लगातार ऐसा करते रहेंगे लेकिन यदि आप फैसला लेने के बाद बैठक करेंगे तो ऐसी बैठक का क्या लाभ होगा।”


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