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तेलंगाना जैसे 'प्रगतिशील' राज्यों का समर्थन करे केन्द्र : केटीआर

तेलंगाना के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामा राव ने केंद्र सरकार से 'तेलंगाना जैसे प्रगतिशील राज्यों' का समर्थन करने का आग्रह किया है

तेलंगाना जैसे प्रगतिशील राज्यों का समर्थन करे केन्द्र : केटीआर
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हैदराबाद। तेलंगाना के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामा राव ने केंद्र सरकार से 'तेलंगाना जैसे प्रगतिशील राज्यों' का समर्थन करने का आग्रह किया है।

उन्होंने सोमवार को कहा कि एक बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य होने के बावजूद, तेलंगाना को केंद्र सरकार से पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है और इस तरह के राज्यों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

वह केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता वाली प्रधानमंत्री गति शक्ति दक्षिण जोन की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे थे।

इस बैठक में उन्होंने विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, हथकरघा , वस्त्र, बिजली, कोयला और अन्य क्षेत्रों में तेलंगाना की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वैश्विक वैक्सीन उत्पादन का 35 प्रतिशत हैदराबाद में होता है।

उन्होंने कहा, तेलंगाना, देश का सबसे युवा राज्य है जो भौगोलिक संसाधनों ,एक विश्व स्तरीय कौशल आधार और मौजूदा विनिर्माण क्षमताओं और विशेषज्ञता से संपन्न है तथा जिसने निवेश के नए अवसर खोले हैं।

उन्होंने कहा कि हैदराबाद में रक्षा से संबंधित अनुकूल माहौल होने का कई दशकों का इतिहास है। लेकिन केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड को रक्षा गलियारा दिया है जहां ना तो ऐसा कोई माहौल है और ना ही कोई संबंधित कोई फर्म है।

श्री राव ने एक बार फिर तेलंगाना के लिए रक्षा गलियारे के लिए जोरदार पैरवी करते हुए कहा कि राज्य डीआरडीओ, डीआरडीएल, डीएमआरएल, आरएसआई और अनुराग जैसे रक्षा संस्थानों के लिए एक प्रमुख केंद्र है। हाल के दिनों में, कई निजी रक्षा कंपनियों ने हैदराबाद को अपना आधार बनाया है।

केटीआर ने कहा कि तेलंगाना एक भूमि से घिरा राज्य है जिसे कुछ व्यवसायों द्वारा माल की मुक्त आवाजाही में बाधा के रूप में माना जाता है। उन्होंने विभिन्न बंदरगाहों के लिए नियमित अतराल के साथ एक विशेष कार्गो रेल नेटवर्क प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सामानों के आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता हैं, तो राज्य शुष्क बंदरगाह, एकीकृत और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करेगा।

उन्होंने बेहतर सड़क, रेल और हवाई संपर्क की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बंदरगाहों के लिए ट्रेनों की कम संख्या होना एक बड़ी समस्या है। उन्होंने केंद्र सरकार से माल की तेज आवाजाही के लिए ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाने पर विचार करने का आग्रह किया।

मंत्री ने बताया कि अक्सर कम लोड के कारण चलने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता है जिससे निर्यातकों के मन में अनिश्चितता पैदा होती है। इससे कारोबारियों के मन में आशंका होने के कारण वे परिवहन के साधन के रूप में ट्रकों का उपयोग करने के लिए मजबूर है, जिससे रसद लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।

केटीआर ने कहा कि उत्तर-दक्षिण फ्रेट कॉरिडोर हैदराबाद से अलग तेलंगाना से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश लॉजिस्टिक सुविधाएं और औद्योगिक क्लस्टर हैदराबाद और उसके आसपास हैं, इसलिए यदि माल ढुलाई गलियारा हैदराबाद से होकर गुजरेगा तो इसका फायदा कारोबारी जगत को मिलेगा।

उन्होंने कहा अगर तेलंगाना जैसे राज्यों को प्रोत्साहित किया जाता है, तो इससे पूरे भारत की विकास दर को लाभ होगा और यह कदम निर्यात लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।


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