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राज्यों पर कोरोना संकट से लड़ने के लिए नीति न थोपे केंद्र: कांग्रेस

पार्टी ने प्रवासी मजदूरों के मामले में भी चर्चा की और कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत खराब हुई है।

राज्यों पर कोरोना संकट से लड़ने के लिए नीति न थोपे केंद्र: कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण लोगों के समक्ष जो समस्याएं पैदा हुई हैं उनके समाधान के लिए केंद्र को जरूरी कदम उठाने के साथ ही राज्यों को इस महामारी से लड़ने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उन्हें अपनी परिस्थितियों के अनुसार काम करने देना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए और इसके लिए उन्हें आर्थिक पैकेज दिये जाने चाहिए। कोरोना वायरस की लड़ाई राज्यों को लड़नी है, इसलिए उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाना चाहिए। केंद्र के पास राज्यों का जो भी पैसा है, उसे संकट की इस घड़ी में उन्हें लौटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कार्य समिति ने यह भी प्रस्ताव किया है कि राज्यों को अपनी परिस्थिति के हिसाब से कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष करने देना चाहिए। केंद्र सरकार को इसमें अपनी नीति राज्यों पर नहीं थोपनी चाहिए। यह लड़ाई राज्य सरकारों को भी लड़नी है। इसलिए केंद्र सरकार को राज्यों को आर्थिक रूप से मदद कर उन्हें उनके हिसाब से कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई लड़नी देनी चाहिए।

पार्टी ने प्रवासी मजदूरों के मामले में भी चर्चा की और कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत खराब हुई है। असंगठित क्षेत्र के मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं और उनके पास रोजी-रोटी का कोई साधन नहीं है। उनके पास कोई रोजगार नहीं होने के कारण वे आर्थिक संकट में हैं और भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं। सरकार को उनके लिए भोजन की व्यवस्था कर प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनानी चाहिए और जो प्रवासी श्रमिक अपने घरों को लौटना चाहते हैं उनको घर लौटने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

वेणुगोपाल और श्री सुरजेवाला ने कहा कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक ही नहीं बल्कि किसानों भी संकट में आ गया है। किसानों के समक्ष बीज, खाद आदि की समस्या हो रही है लेकिन सरकार उनके हित में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। सरकार को गांव में किसानों, मजदूरों और गरीबों की समस्या को ध्यान में रखते हुए मनरेगा को चालू कर देना चाहिए और इन सबके खातों में 7500 रुपए डालने चाहिए।

उन्होंने बेरोजगारी पर रोक लगाने और लोगों की नौकरी नहीं जाने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि इस समय छोटे, लघु एवं मझोले उद्योगों की स्थिति भी बहुत खराब हो गयी है। सरकार को छोटे और लघु उद्योगों के लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए और इन उद्योगों के लिए कारगर नीति बनाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले इस उद्योग को पुन: पटरी पर लाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कार्य समिति की बैठक में बडी संख्या में विदेशों में फंसे लोगों की समस्या पर भी विचार किया गया और समिति ने एक स्वर में इन लोगों की मदद करने की बात की। बैठक में कहा गया कि जो लोग स्वदेश आना चाहते हैं सरकार को उनकी घर वापसी का इंतजाम करना चाहिए।

श्रीमती गांधी के खिलाफ एक टीवी न्यूज चैनल के एंकर की कथित अभद्र टिप्पणी से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि भारतीय जनता पार्टी इस अमर्यादित टिप्पणी को सही ठहराने में लगी है। उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी देश की वरिष्ठ नेता हैं और पांच बार लोकसभा के लिए चुनी गयी हैं। उनके खिलाफ इस घिनौनी टिप्पणी के समर्थन में भाजपा खड़ी हुई है, यह उसकी ओच्छी मानसिकता का प्रतीक है। पत्रकारिता के नाम पर जो अमर्यादित कार्य हो रहे हैं, वह निंदनीय है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए।


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