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मणिपुर के प्रति केन्द्र की मोदी सरकार गंभीर नहीं : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर मणिपुर के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव को लेकर कर्नाटक, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ घूम रहे है

मणिपुर के प्रति केन्द्र की मोदी सरकार गंभीर नहीं : गहलोत
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर मणिपुर के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव को लेकर कर्नाटक, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ घूम रहे है।

श्री गहलोत न्यूनतम आय गारंटी विधेयक के विधानसभा में पारित होने एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए ऐसा कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बनने के उपलक्ष्य में शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जिस तरह महिलाओं का अपमान हुआ, उससे पूरे देश की विश्व में बेइज्जती हुई है। 77 दिन हो गए प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं नहीं बोला और उच्चत्तम न्यायालय के इंडिकेशन के बाद वह मणिपुर पर कुछ बोले तो चंद सेकेंड में औपचारिकता करके अपनी बात को खत्म कर दिया जबकि मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। कम से कम पीएमओ में मीटिंग करते और प्रयास करते कि वहां स्थिति कैसे नियंत्रित की जा सकती है।

उन्होंने कहा “लेकिन आप तो कर्नाटक घूम रहे है, राजस्थान घूम रहे है, छत्तीसगढ़ घूम रहे है, चुनाव के अंदर, ऐसा मैंने पहली बार देखा है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की एक गरीमा होती है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में उनकी सरकार है, वहां अगर कांग्रेस सरकार होती तो कल्पना कीजिए ये लोग क्या-क्या बोलते। मणिपुर में हालात को नियंत्रित करने की जगह केन्द्रीय गृह मंत्री चुनावी राज्यों में घूमते रहे। अगर एक राज्य में आग लग रही हो और आप कुछ नहीं कर रहे हैं तो इस मामले में केंद्र सरकार विफल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा “मुझे अफसोस है कि मणिपुर जल रहा है, वहां कई लोग मारे गए हैं। वहां तीन हजार से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है और कुछ नहीं किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि मणिपुर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था पर ध्यान रखें जबकि कहां मणिपुर और कहां राजस्थान। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसा करके राजस्थान के स्वाभिमान के साथ चोट की है। श्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि 140 करोड़ जनता को शर्मसार होना पड़ रहा है। 140 करोड़ जनता को शर्मिंदा नहीं होना पड़ रहा है, जनता केन्द्र सरकार के कारनामों, विफलता एवं लापरवाही से दुखी है। एक बार गृहमंत्री मणिपुर जाकर आ गए और इतिश्री कर ली।

मुख्यमंत्री ने कहा “ हम पर कर्जा बढ़ाने का आरोप का आरोप लगाये जा रहे है लेकिन कर्जा केन्द्र सरकार की मंजूरी से मिलता है। अगर राज्य की कर्जा लेने की स्थिति नहीं हो तो कर्ज लेने की अनुमति नहीं मिलती है। हम पैरामीटर्स पर खरा उतरते हैं, इसलिए कर्जा मिलता है। कर्जा हर सरकारों में बढ़ता है। वर्ष 2014 में केन्द्र सरकार पर 55 लाख करोड़ का कर्जा था जो आज बढ़कर एक करोड़ 60 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि आज राजस्थान राज्य सरकार की बेहतरीन योजनाओं एवं फैसलों से देश में नम्बर वन हैं और प्रदेश जो माहौल बना हैं उससे भाजपा के नेता घबरा एवं बौखला गए है और जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे है।

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने वीसी के जरिए लोगों को नियुक्ति पत्र दिए हैं । अस्सी हजार नौकरियां पूरे देश में लगी हैं और प्रधानमंत्री खुद ही नियुक्ति पत्र दे रहे है जबकि राजस्थान में करीब तीन लाख लोगों को नौकरियां दी गई है।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करने की कल विपक्ष के लोगों ने भी मांग रखी थी। इतनी अक्ल-नॉलेज होनी चाहिए कि यह संविधान के तहत बनी हुई संस्था है। कोई इसको भंग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कल ही कानून पास किया गया है , जिसमें पेपरलीक करने वालों को आजीवन कारावास की सजा कर दी गई है। यह मामूली बात नहीं है। देश में एकमात्र राजस्थान ऐसा राज्य है, जिसने ऐसा कानून बनाकर सख्त कदम उठाये हैं।


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