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भगोड़े संदेसरा बंधुओं से कच्चा तेल खरीद रहा है केंद्र : कांग्रेस

कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर भगोड़े संदेसरा बंधुओं से सरकारी तेल कंपनियों द्वारा कच्चा तेल खरीदे जाने का आरोप लगाया है

भगोड़े संदेसरा बंधुओं से कच्चा तेल खरीद रहा है केंद्र : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर भगोड़े संदेसरा बंधुओं से सरकारी तेल कंपनियों द्वारा कच्चा तेल खरीदे जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामला दर्ज किये जाने से ठीक पहले ये देश छोड़ भाग गए थे।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर कहा, अक्टूबर 2017 को ईडी ने स्टर्लिग बायोटेक उसके प्रमोटरों संदेसरा बंधुओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। बावजूद इसके 15 हजार करोड़ का चूना लगाने वाले संदेसरा (चार लोग-नितिन, चेतन, दीप्ती हितेन भाई) सरकार को कच्चा तेल बेच रही है। कोर्ट ने इनको आर्थिक अपराध के भगोड़े 2020 में ही घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2018 से 2020 तक इनकी कंपनी से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन लिमिटेड ने इनसे 5 हजार करोड़ का क्रूड ऑयल खरीदा है।

उन्होंने दावा किया कि नाइजीरिया से संदेसरा बंधू कंपनी स्टलिर्ंग ऑयल एक्सप्लोरेशन एंड एनर्जी प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (सीपको) के जरिए कच्चा तेल भेज रहे हैं, भारत सरकार उसे खरीद रही है। कच्चे तेल की अगली खेप 1 नवंबर को पारादीप पोर्ट पहुंच रही है। संदेसरा बंधू सीपको कंपनी नाइजीरिया से चला रहे हैं। सितंबर 2020 में, एक विशेष अदालत ने ईडी के अनुरोध पर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, उनकी पत्नी दीप्ति एक हितेशकुमार नरेंद्रभाई पटेल को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है।

गौरव ने आरोप लगाया, कच्चे तेल की कीमत रु। 5,701।83 करोड़ तेल सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा संदेसरा समूह की कंपनी से खरीदे गए। जहां भारत के नागरिक डीजल, पेट्रोल एलपीजी जैसी सभी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों से जूझ रहे हैं, वहीं मोदी सरकार देश से दूर इनका विकास कर रही है।

उन्होंने कहा कि हाल के पेंडोरा के कागजात से पता चला है कि संदेसरा बंधुओं ने भारत में तेल व्यापार बढ़ाने के लिए 6 अपतटीय फर्मों का गठन किया। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी कंपनियों का गठन नवंबर 2017 अप्रैल 2018 के बीच हुआ था। (जिस समय ईडी ने अक्टूबर 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था) इनमें से किसी की भी जांच ईडी सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने नहीं की है।


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