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केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शुरू किए

केंद्र ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं

केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शुरू किए
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नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। भाजपा सांसद महेश पोद्दार द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले पांच वर्षो के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 34 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

राय ने आगे कहा कि 2017 में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों ने 2018 में तीन, 2019 में छह, 2020 में तीन और 2021 में 11 लोगों की जान गंवाई।

उन्होंने कहा, "भारतीय क्षेत्र में नागरिक पीड़ितों/आतंकवादी/सांप्रदायिक/वामपंथी उग्रवाद के पीड़ितों के परिवार और सीमा पार से गोलीबारी और खदान/आईईडी विस्फोटों के लिए केंद्रीय सहायता योजना के तहत 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। इसके अलावा, 1 लाख रुपये जम्मू-कश्मीर सरकार की मौजूदा योजना के तहत आतंकवाद से संबंधित हिंसा में मारे गए नागरिकों के परिजनों को भुगतान किया जाता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं।

मंत्री ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि घाटी में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड स्थापित किया गया है और समूह सुरक्षा स्थिर गार्ड, दिन और रात क्षेत्र वर्चस्व के रूप में स्थापित की गई है। केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा नाका में चौबीसों घंटे चेकिंग और संवेदनशील इलाकों में चौबीसों घंटे गश्त की जा रही थी, जहां अल्पसंख्यकों के लोग रहते हैं, इसके अलावा आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान चलाया जा रहा है।


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