केंद्र न करे जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप
जम्मू कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी के बीच भले ही गठबंधन खत्म हो चुका है लेकिन नेताओं में तकरार जारी है

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी के बीच भले ही गठबंधन खत्म हो चुका है लेकिन नेताओं में तकरार जारी है। बीजेपी पर पीडीपी को तोड़ने के लगातार आरोप लगे रहे हैं कहा जा रहा है कि बीजेपी पीडीपी के विधायकों के सहारे खुद एक बार फिर सत्ता का स्वाद चखने के ख्वाब देख रही है लेकिन पार्टी मुखिया महबूबा मुफ्ती इतनी आसानी से पार्टी को बिखरने नहीं देंगी। बीजेपी को आंख दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पीडीपी में सेंध लगी तो अंजाम भुगतना होगा।
जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक नेता बगावत का झंडा बुलंद कर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की परेशानी बढ़ा रहे हैं। अब तक पांच विधायकों ने मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आबिद अंसारी, अब्बास अहमद, अब्दुल मजीद पड्डार, जावेद बेग समेत कई विधायकों ने मुफ्ती पर वंशवाद का आरोप लगाया है।
पार्टी में पड़ी फूट के पीछे बीजेपी को माना जा रहा है । राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी पीडीपी में दरार डालकर खुद सरकार बनाना चाहती है। बीजेपी ने ही पीडीपी के विधायकों को तोड़ा है। हालांकि बीजेपी महासचिव राम माधव ने इन आरोपों से इंकार कर दिया है लेकिन बीजेपी की चाल से हर कोई वाकिफ है। इसीलिए पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पार्टी को धमकी दी है। मुफ्ती ने कहा कि अगर दिल्ली हस्तक्षेप करती है, हमारी पार्टी को तोड़ती है और सज्जाद लोन या किसी को भी मुख्यमंत्री बनाती है, तो इससे कश्मीरियों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास समाप्त हो जाएगा।
मुफ्ती ने कहा कि अगर बीजेपी की कोशिशें जारी रही, तो अंजाम बहुत बुरा होगा। पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए मुफ्ती ने कहा कि घाटी के लिए पीएम मोदी ने निराधार कोशिशें की। उन्हीं की नाकामी की वजह से जम्मू-कश्मीर की स्थिति इतनी खराब हो गई है।


