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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने किया पीएम केयर्स फंड का बचाव

केंद्र सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में पीएम केयर्स फंड का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से अलग कोई और कोष बनाने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने किया पीएम केयर्स फंड का बचाव
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में पीएम केयर्स फंड का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से अलग कोई और कोष बनाने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।

केंद्र ने पीएम केयर्स फंड बनाने को चुनौती देने वाली सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका पर शीर्ष अदालत के समक्ष अपना हलफनामा दायर किया।

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिससिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ के समक्ष आज सुनवाई के दौरान कहा कि किसी फंड की मौजूदगी के बावजूद पीएम केयर्स जैसे फंड की शुरुआत करने पर पाबंदी नहीं है। श्री मेहता ने कहा कि इसलिए पीएम केयर्स का सारा पैसा एनडीआरएफ कोष में स्थानांतरित करने संबंधी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसलिए यह याचिका खारिज करने योग्य है।

जाने माने वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स को अवैध घोषित किया जाए और उसकी राशि एनडीआरएफ फंड में स्थानांतरित की जाये। इस मामले में शीर्ष अदालत ने गत 17 जून को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया था।

केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय के अवर सचिव अरूण कुमार ध्यानी ने आज 458 पेज का हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष का गठन किसी भी राष्ट्रीय आपदा के समय लोगों द्वारा स्वेच्छा से दान देने के लिए किया जाता है। यह किसी पर न तो बाध्यकारी होता है और न ही अन्य किसी फंड में दान इत्यादि को रोकता है।

मामले की अगली सुनवाई अब 17 जुलाई को होगी।


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