केंद्र ने आपराधिक न्याय प्रणाली परियोजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को 2022-23 से 2025-26 के दौरान इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना के दूसरे चरण के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को 2022-23 से 2025-26 के दौरान इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना के दूसरे चरण के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी।
कुल 3,375 करोड़ रुपये की लागत से अंतर-संचालन योग्य (इंटर-ऑपरेबल) आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) परियोजना के दूसरे चरण का कार्यान्वयन प्रभावी और आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस परियोजना को केंद्रीय योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
एमएचए ने कहा, "आईसीजेएस प्रणाली को उच्च गति की संपर्क सुविधा (कनेक्टिविटी) के साथ एक समर्पित और सुरक्षित क्लाउड-आधारित अवसंरचना के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) पर होगी। इस परियोजना को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से लागू किया जाएगा।"
एमएचए के अधिकारियों के अनुसार, आईसीजेएस मुख्य आईटी प्रणाली के एकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय प्लेटफार्म है, जिसका उपयोग पांच स्तंभों के माध्यम से देश में आपराधिक न्याय को लागू करने के लिए किया जाता है। इनमें पुलिस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क प्रणाली), फोरेंसिक लैब के लिए ई-फोरेंसिक, न्यायालयों के लिए ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिए ई-प्रासक्यूशन और जेलों के लिए ई-जेल शामिल हैं।
आईसीजेएस परियोजना के पहले चरण में, अलग-अलग आईटी प्रणालियों को लागू और व्यवस्थित किया गया है तथा इन प्रणालियों पर रिकॉर्ड की खोज करने को भी सक्षम किया गया है।
एमएचए अधिकारी ने कहा, "दूसरे चरण के तहत, प्रणाली को 'एक डेटा, एक प्रविष्टि' के सिद्धांत पर तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत डेटा केवल एक स्तंभ में केवल एक बार दर्ज किया जाता है और फिर वही डेटा अन्य सभी स्तंभों में उपलब्ध होता है। इसके लिए प्रत्येक स्तंभ में डेटा को फिर से दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।"
आईसीजेएस ई-समिति की एक पहल है, जो आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों जैसे अदालतों, पुलिस, जेलों और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच डेटा और सूचना के निर्बाध हस्तांतरण को सक्षम करने के लिए एक मंच से एक तेज आपराधिक न्याय प्रणाली को सक्षम बनाता है।


