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केंद्र ने त्योहारी सीजन में छोटे शहरों में कड़ी सुरक्षा को लेकर राज्यों को किया सतर्क

छोटे शहरों के आतंकवादियों के निशाने पर होने की खुफिया जानकारी के बाद केंद्र ने राज्य सरकारों से मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान टियर-2 शहरों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा है

केंद्र ने त्योहारी सीजन में छोटे शहरों में कड़ी सुरक्षा को लेकर राज्यों को किया सतर्क
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नई दिल्ली। छोटे शहरों के आतंकवादियों के निशाने पर होने की खुफिया जानकारी के बाद केंद्र ने राज्य सरकारों से मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान टियर-2 शहरों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा है।

सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने खुफिया अलर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल और थोक बाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थान आतंकवादियों के रडार पर हो सकते हैं। इसलिए ऐसे स्थानों के प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा तंत्र को मजूबत करने की सलाह दी गई है। छोटे और मध्यम शहरों में निर्धारित सुरक्षा मानदंडों को अपनाने पर जोर देने को कहा गया है।

सलाह दी गई है कि निर्धारित मानदंडों के अनुसार, भीड़ पर नजर रखने के लिए प्रमुख बिंदुओं पर अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ इन स्थानों के प्रवेश बिंदुओं पर लोगों की तलाशी का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। राज्य पुलिस को भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

सूत्रों ने कहा कि स्थानीय पुलिस को उन लोगों की पहचान अभियान शुरू करना चाहिए, जो हाल ही में इलाके में स्थानांतरित हुए हैं। इसके साथ ही स्थानीय अपराधियों, गैंगस्टरों और चरमपंथी तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है, जो इन आतंकवादियों या जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद या समर्थन कर सकते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान मेट्रो शहरों और बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, इसलिए ये राष्ट्र विरोधी तत्व अपनी योजना को टियर 2 शहरों की ओर मोड़ सकते हैं।

10 अक्टूबर को, दिल्ली पुलिस को त्योहारी सीजन के दौरान एक आतंकवादी हमले की सूचना मिली थी और पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने पुलिस कर्मियों को जमीनी स्तर पर निगरानी तेज करने और रात की गश्त तेज करने के लिए कहा था।

अस्थाना ने दिल्ली पुलिस से पेट्रोल पंपों, रासायनिक दुकानों, पार्किं ग स्थलों, कबाड़ और कार डीलरों की पेशेवर रूप से जांच और निगरानी करने के लिए कहा है, जबकि सामुदायिक पुलिसिंग, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ नियमित बैठकें करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि 'आई एंड इयर्स स्कीम' यानी 'आंख और कान योजना' के साथ समन्वय पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए, जिसमें स्ट्रीट वेंडर और चौकीदार जैसे हितधारकों के साथ समन्वय करना शामिल है।


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