Top
Begin typing your search above and press return to search.

हैदराबाद में परंपराओं के प्रतीक बोनालू को हर्षोल्लास के साथ मनाया

हैदराबाद में रविवार को तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के प्रतीक बोनालू को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

हैदराबाद में परंपराओं के प्रतीक बोनालू को हर्षोल्लास के साथ मनाया
X

हैदराबाद। हैदराबाद में रविवार को तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के प्रतीक बोनालू को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में शक्ति की देवी महाकाली की पूजा करने के लिए जुटी हुई थी। श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या महिलाओं की भी थी।

महिलाएं बोनालू का भोग लगाने के लिए मंदिरों के बाहर कतार में खड़ी थीं। बोनालू पके चावल, गुड़, दही और हल्दी पानी से बनता है जिसे महिलाएं स्टील और मिट्टी के बर्तनों में लेकर सिर पर रखकर खड़ी थीं। मान्यता है कि यह वार्षिक त्यौहार अमंगल से बचाता है और शांति प्रदान करता है।

त्यौहार के मुख्य उत्सव लाल दरवाजा स्थित महाकाली मंदिर तथा शाह अली बंदा इलाके के हरी बावली में स्थित ऐतिहासिक अकन्ना मदन्ना मंदिर में आयोजित हुए।

तेलंगाना सरकार की तरफ से मंत्रियों इंद्रा करन रेड्डी और टी. श्रीनिवास यादव ने महाकाली मंदिर में रेशमी कपड़े दान किए।

कांग्रेस नेता जना रेड्डी, पूर्व सांसद व अभिनेत्री विजयशांति, तेलंगाना जन समिति संस्थापक कोडंदरम के अलावा अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों ने पुराने शहर में स्थित मंदिर में उत्सव में भाग लिया।

राज्य में इस त्यौहार के राजकीय उत्सव के रूप में मनाते हुए यह पांचवां साल है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने इसके लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए।

विभिन्न सरकारी विभागों ने मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जरूरी व्यवस्थाएं कीं जिसमें उन्होंने पेयजल, स्वच्छता, सड़क और अबाध बिजली आपूर्ति पर ध्यान दिया।

बोनालू आषाण मौसम (जुलाई-अगस्त) में हैदराबाद और उसका जुड़वा शहर सिकंदराबाद में मनाया जाता है। आषाण जात्रा उत्सावालु के नाम से भी प्रसिद्ध इस त्यौहार को जुड़वा शहरों में तीन विभिन्न रविवारों को मनाया जाता है। पिछले रविवार यह सिकंदराबाद में मनाया गया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it