मायावती पर कसा शिकंजा, सीबीआई ने शुरू की चीनी मिल घोटाले की जांच
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल में हुए 1180 करोड़ रुपए के चीनी मिल बिक्री घोटाले को लेकर जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल में हुए 1180 करोड़ रुपए के चीनी मिल बिक्री घोटाले को लेकर जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ये पूरा मामला उनके शासनकाल 2010-11 का है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन में आते ही मामले की जांच की बात कही थी जिसके बाद अब सीबीआई ने कार्रवाई करना शुरू की दी है।
मायावती पर आरोप है कि उन्होंने 21 चीनी मिलों को बेचा था, इनमें से 10 मिलें संचालित हो रही थीं। कहा गया था कि इन्हें बाजार की कीमतों से बहुत कम कीमत पर बेचा गया। ये चीनी मिलें 500 हेक्टेयर पर बनी थीं और तब इनकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये थी। लेकिन इन मिलों को काफी कम कीमतों में बेच दिया गया जिससे सरकार को 1,179 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इस मामले में मायावती के करीबी रहे नसीमुद्दीन सिद्दकी ने आरोप लगाया था कि मिलें तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती और बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के इशारे पर बेची गई थीं। हालांकि मायावती ने नसीमुद्दीन पर ही मिलों को बेचने का आरोप लगाया था।
आपको बतादें कि रह रहकर यूपी की सियासत में इस मामले की जांच की बात उठती रही है 2012 में अखिलेश ने भी घोटाले के पड़ताल की बात कही थी लेकिन तब जांच नहीं हो सकी, लेकिन सीएम योगी ने सत्ता में आते ही घोटाले की जांच कराने के लिए सीबीआई को 12 अप्रैल 2018 को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि प्रदेश की जो भी 21 चीनी मिलें बेची गईं वह सब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गईं बोगस कंपनियों ने खरीदीं। जो चीनी मिलें खरीदी गईं उनमें से देवरिया, बरेली,लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चित्तौनी और बाराबंकी की बंद पड़ी सात चीनी मिलें भी शामिल थीं। जिस पर अब सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है।


