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सीबीआई मेरे बेटे को प्रताड़ित करने के बेजाय मुझ से पूछताछ करे: चिदम्बरम

चिदम्बरम ने एयरसेल मैक्सिस सौदे मामले में उनके पुत्र कार्ति चिदम्बरम से पूछताछ के मामले में सीबीआई पर निशाना साधते हुए जांच एजेंसी पर आरोप लगाया है कि वह उनके पुत्र काे प्रताड़ित कर रही है

सीबीआई मेरे बेटे को प्रताड़ित करने के बेजाय मुझ से पूछताछ करे: चिदम्बरम
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नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने एयरसेल मैक्सिस सौदे मामले में उनके पुत्र कार्ति चिदम्बरम से पूछताछ के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर निशाना साधते हुए जांच एजेंसी पर आरोप लगाया है कि वह उनके पुत्र काे प्रताड़ित कर रही है।

कार्ति को सीबीआई ने इस मामले में पूछताछ के लिये गुरुवार को बुलाया था किन्तु वह हाजिर नहीं हुए थे। कार्ति ने पेश होने से इनकार करते हुए कहा था कि विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया था और इस मामले में जांच निलंबित कर दी थी जबकि दूसरी तरफ सीबीआई ने कार्ति के इस दावे को पूरी तरह इनकार करते हुए कहा कि जांच अभी चल रही है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आज कई ट्वीट किये। उन्होंने कहा कि सीबीआई को उनके पुत्र को प्रताड़ित करने की बजाय उनसे पूछताछ करनी चाहिये। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामलें गलत सूचना फैला रही है।

एयरसेल मैक्सिस विदेशी निवेश सौदे को श्री चिदम्बरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2006 में स्वीकृति दी गयी थी। श्री चिदम्बर में एक ट्वीट में कहा “विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने एयरसेल मैक्सिस की सफारिश की थी और मैंने मिनट्स मंजूर किये थे। जांच एजेंसी मुझ से पूछताछ करे और कार्ति को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिये।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा “दु:ख की बात है कि जांच एजेंसी गलत जानकारी दे रही है।

इस सौदे में बोर्ड के अधिकारियों ने सीबीआई के समक्ष अपने बयान रिकार्ड कराते हुए कहा कि मंजूरी वैध तरीके से दी गयी है।” इस मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत के समक्ष दाखिल चार्ज शीट में कहा है कि माॅरीशस की ग्लोबल कम्युनिकेशन सर्विसेज होल्डिंग लिमिटेड जो कि मैक्सिस की सहायक इकाई है। उसने 80 करोड डॉलर (उस समय की विनियम दर के अनुसार जो करीब 5127 करोड़ रुपये बैठता है) निवेश की अनुमति मांगी थी।

इस सौदे को मंजूरी देने के लिये आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति सक्षम थी। आरोप पत्र में कहा गया है कि किन्तु मंजूरी उस समय के वित्त मंत्री ने दी थी। इस मामले में और जांच करने पर पाया गया कि बोर्ड की मंजूरी उस समय के वित्त मंत्री ने दी थी। इस मामले की भी जांच की जा रही है। गौरतलब है कि सीबीआई 2014 में इस मामले में पी. चिदम्बरम से पूछताछ कर चुकी है।


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