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सीबीआई ने बाेफोर्स मामले की जांच के लिए केन्द्र से मांगी अनुमति 

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चर्चित बोफोर्स दलाली मामले की फिर से जांच करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी है

सीबीआई ने बाेफोर्स मामले की जांच के लिए केन्द्र से मांगी अनुमति 
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नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चर्चित बोफोर्स दलाली मामले की फिर से जांच करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी है। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने कार्मिक एंव प्रशासनिक विभाग को भेजे पत्र में कहा है कि उसे इस मामले की जांच फिर से शुरु करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए।

दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायमूर्ति आर.एस सोढी ने 31 मई, 2005 को इस मामले में हिंदुजा बंधुओं (श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाशचंद) और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। न्यायालय ने सीबीआई को मामले की जांच के उसके तरीके के लिए फटकार भी लगाई थी और कहा था कि इससे सरकारी खजाने को 250 करोड़ रूपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

सीबीआई का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना चाहती थी, लेकिन तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने उसे इसकी इजाजत नहीं दी थी। बोफोर्स मामले की फिर से जांच करने का सीबीआई का फैसला इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 18 अक्टूबर को उसने कहा था कि वह निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावों के अनुरूप बोफोर्स घोटाले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करेगी।

हर्शमैन ने आरोप लगाया है कि दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने उनकी जांच में रोड़े अटकाए थे। बोफोर्स तोप सौदे की वजह से 1980 के दशक में देश की राजनीति में तूफान आ गया था। माना जाता है कि 1989 में कांग्रेस को इसकी वजह से सत्ता तक गंवानी पड़ी थी।

इस मामले में आरोपी इटली के व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोकी की गांधी परिवार से करीबी रिश्ताें को लेकर भी काफी चर्चा रही थी।


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