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सीबीआई ने तिब्बती मृग के बालों वाली शॉल निर्यात करने के आरोप में 2 मामले दर्ज किए

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने क्राफ्ट हार्वेस्ट और उसके मालिक शब्बीर अहमद गोगेरी और उनकी फर्म कश्मीरी फाइन आर्ट्स के खिलाफ प्रतिबंधित वन्यजीव वस्तुओं के निर्यात के लिए दो मामले दर्ज किए

सीबीआई ने तिब्बती मृग के बालों वाली शॉल निर्यात करने के आरोप में 2 मामले दर्ज किए
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने क्राफ्ट हार्वेस्ट और उसके मालिक शब्बीर अहमद गोगेरी और उनकी फर्म कश्मीरी फाइन आर्ट्स के खिलाफ प्रतिबंधित वन्यजीव वस्तुओं के निर्यात के लिए दो मामले दर्ज किए हैं। ये मामले तिब्बती मृग के बाल से निर्मित शॉल के निर्यात से जुड़ी जांच के सिलसिले में दर्ज किए गए हैं।

सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, एजेंसी ने 22 जुलाई को सीमा शुल्क उपायुक्त विवेक कुमार की शिकायत पर दोनों मामले दर्ज किए थे।

पहला मामला दिल्ली स्थित क्राफ्ट हार्वेस्ट और उसके मालिक के खिलाफ 10.97 लाख रुपये मूल्य के तिब्बती मृग के बालों वाले छह शॉल निर्यात करने के लिए दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरा मामला श्रीनगर स्थित कश्मीरी फाइन आर्ट्स और उसके मालिक गोगेरी के खिलाफ 26.36 लाख रुपये मूल्य के तिब्बती मृग के बालों वाले 26 शॉल निर्यात करने के लिए दर्ज किया गया है।

सीमा शुल्क विभाग द्वारा 1 नवंबर, 2019 को दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर वन्यजीव निरीक्षक द्वारा निरीक्षण के बाद 26 शॉल की जब्ती की गई। इसके अलावा छह शॉल की जब्ती 7 जून 2019 को की गई थी।

विवेक कुमार ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि क्राफ्ट हार्वेस्ट और उसके मालिक ने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और एक अन्य एजेंसी से संदिग्ध शॉल का परीक्षण करने के लिए कहा। नमूने फिर से जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता को भेजे गए, जिसने फिर से पुष्टि की कि इसमें 22 जनवरी, 2020 को तिब्बती मृग के बाल थे।

तिब्बती मृग (हिरन), जिसे चिरू के नाम से भी जाना जाता है, वन्यजीव अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध है।

सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ले ली है और मामले के संबंध में सभी दस्तावेज और जब्त सामान एकत्र कर लिया है।


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