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सीबीआई ने 9000 करोड़ रुपये की जम्मू-कश्मीर परियोजना की प्राथमिक जांच शुरू की

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू एवं कश्मीर में केंद्र सरकार के सभी दिशानिर्देशों को दरकिनार करते हुए 9,000 करोड़ रुपये की जल विद्युत परियोजना के आवंटन की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है

सीबीआई ने 9000 करोड़ रुपये की जम्मू-कश्मीर परियोजना की प्राथमिक जांच शुरू की
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू एवं कश्मीर में केंद्र सरकार के सभी दिशानिर्देशों को दरकिनार करते हुए 9,000 करोड़ रुपये की जल विद्युत परियोजना के आवंटन की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।

प्रस्तावित 1,540 मेगावाट की किरु जल विद्युत परियोजना को दो चरणों में पूरा होना है। प्रथम चरण की लागत 4,948.26 करोड़ रुपये और दूसरे चरण की लागत 4,287.59 करोड़ रुपये होगी।

शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि सीबीआई जिस शिकायत की जांच कर रही है, उसमें आरोप लगाया गया है कि चेनाब वैली पॉवर प्रोजेक्ट्स (सीवीपीपीएल) ने परियोजना का आवंटन नियमों और दिशानिर्देशों का गंभीर उल्लंघन कर किया गया और ऐसा कुछ शीर्ष नौकरशाहों के दबाव में किया गया।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सीवीपीपीएल ने परियोजना का क्रियान्वयन एक संयुक्त उद्यम कंपनी को आवंटित किया और आवंटन में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया।

सीवीपीपीएल के निदेशक मंडल ने खास कारणों से टेंडर प्रक्रिया रद्द कर दी थी। शिकायत में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अंदर एक ताकतवर लॉबी ने बोर्ड के विरोध को खारिज करते हुए रद्द टेंडर को फिर से आवंटित करने के लिए निगम को मजबूर किया। पुन: आवंटन के खिलाफ डिसेंट नोट लिखने वाले एक वरिष्ठ नौकरशाह का तीन जनवरी, 2020 को तबादला कर दिया गया।"

शिकायत में कहा गया है कि टेंडर प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद बोर्ड को इसे फिर से आवंटित करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था और वह भी एक मैनुअल प्रक्रिया के जरिए।

शिकायत में सीबीआई से अनुरोध किया गया है कि टेंडर मूल्यांकन और पुन: आवंटन से संबंधित रिकॉर्ड जब्त किए जाए, ताकि उनके साथ छेड़छाड़ से और उन्हें नष्ट होने से बचाया जा सके।


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