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सीबीआई ने नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में मिजोरम से एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न और बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) के कब्जे और प्रसार से जुड़े एक मामले में मिजोरम के आइजोल से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है

सीबीआई ने नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में मिजोरम से एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार
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आइजोल। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न और बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) के कब्जे और प्रसार से जुड़े एक मामले में मिजोरम के आइजोल से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

आरोपी के खिलाफ 30 मई को गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें नाबालिगों को यौन दुराचार करते हुए दिखाने वाले सीएसएएम का निर्माण, संग्रह, भंडारण और अपलोड करना शामिल है। आरोपी के पास बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री भी थी, जो कानून का उल्लंघन है। व्यक्ति को 9 जून को गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी की पहचान आइजोल निवासी लालरामपना के रूप में हुई है, जिस पर 30 मई को नाबालिगों को यौन दुराचार में शामिल करते हुए सीएसएएम के निर्माण, संग्रह, भंडारण और अपलोड करने सहित गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई की टीम ने 4 जून को आरोपी के घर की तलाशी ली और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की। बरामद डिवाइस के फोरेंसिक विश्लेषण से बड़ी मात्रा में बाल यौन शोषण सामग्री तस्वीरें और वीडियो दोनों का पता चला, जिसका मिलान इंटरपोल के अंतर्राष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आईसीएसई) डेटाबेस और गूगल द्वारा तैयार साइबर टिपलाइन रिपोर्ट (सीटीआर) के रिकॉर्ड से किया गया। इन्हें चिह्नित किया गया और गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) को भेज दिया गया।

डिजिटल विश्लेषण के दौरान आइजोल में आरोपी द्वारा नाबालिग बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न के संकेत देने वाले साक्ष्य सामने आए। एक त्वरित और समन्वित ऑपरेशन में सीबीआई ने नाबालिग पीड़िता का सफलतापूर्वक पता लगाया और उसे बचाया। जांच से पता चला कि आरोपी ने सीएसएएम बनाने के लिए बच्चे को धमकाया और उसका शोषण भी किया।

इस मामले का पता सीबीआई ने स्वतः संज्ञान लेकर लगाया था, क्योंकि न तो पीड़ित और न ही उनके परिवार ने सीबीआई के हस्तक्षेप से पहले किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी को घटना की सूचना दी थी। यह मामला ऐसे जघन्य अपराधों के पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें बचाने में साइबर इंटेलिजेंस, फोरेंसिक टूल और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तंत्र के सक्रिय उपयोग को उजागर करता है।

सीबीआई बाल यौन शोषण के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराती है तथा नागरिकों से आग्रह करती है कि वे ऐसी किसी भी सूचना या संदेह की सूचना उचित प्राधिकारियों को दें। फिलहाल जांच जारी है।


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