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कावेरी जल विवाद : तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के खिलाफ विरोध के मूड में अन्नाद्रमुक

केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से अपने हिस्से का पानी लेने में तमिलनाडु सरकार की विफलता को लेकर अन्नाद्रमुक पूरे राज्‍य में विरोध प्रदर्शन करेगी

कावेरी जल विवाद : तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के खिलाफ विरोध के मूड में अन्नाद्रमुक
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चेन्नई। केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से अपने हिस्से का पानी लेने में तमिलनाडु सरकार की विफलता को लेकर अन्नाद्रमुक पूरे राज्‍य में विरोध प्रदर्शन करेगी।

सूत्रों ने बताया कि एआईएडीएमके प्रदर्शन करने की रणनीति को लेकर सोमवार को बैठक आयोजित करेगी। इस बैठक में राज्‍य भर में होने वाले विरोध प्रदर्शनों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

अन्नाद्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “तमिलनाडु की स्टालिन सरकार आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक से पानी का हिस्सा पाने में विफल साबित हुई है, भले ही इन राज्यों में द्रमुक की मित्र सरकारें सत्ता में हैं।”

उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) करेंगे।

नेता ने बताया कि केरल की तुलना में मुल्लापेरियार, कर्नाटक के साथ कावेरी नदी जल बंटवारा एक गंभीर मुद्दा है, जबकि पल्लार नदी आंध्र प्रदेश के साथ विवाद की जड़ है।

उन्होंने आगे कहा, "तमिलनाडु इन सभी जल-बंटवारे प्रस्तावों को पूरा नहीं कर पाया। राज्‍य सरकार लोगों को राहत दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। इसी के चलते अन्नाद्रमुक ने पूरे राज्‍य में विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है।''

तमिलनाडु एक निचला तटवर्ती राज्य है और पड़ोसी राज्यों में अंतरराज्यीय जल विवादों पर दशकों पुरानी संधियों और समझौतों के जरिए लंबे समय से बातें चल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी पड़ोसी राज्य पानी देने पर सहमत नहीं हुए।

1892 में तत्कालीन मैसूर राज्य और मद्रास प्रेसीडेंसी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें तटवर्ती राज्यों की सहमति के बिना किसी भी निर्माण गतिविधि की अनुमति नहीं थी।

तमिलनाडु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि ऊपरी तटवर्ती राज्य निचले तटवर्ती राज्यों पर विचार नहीं कर रहे हैं और उन्हें तत्कालीन मैसूर राज्य और मद्रास प्रेसीडेंसी के बीच समझौते की कोई परवाह नहीं है।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 और 2014 में अपने आदेशों में केरल सरकार को मुल्लापेरियार बांध पर कोई निर्माण नहीं करने का निर्देश दिया था।

एआईएडीएमके नेता ने कहा कि डीएमके इंडिया ब्लॉक में सीपीआई-एम और कांग्रेस के साथ गठबंधन में है, जबकि सीपीआई-एम के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार केरल में सत्ता में है और कांग्रेस सरकार कर्नाटक में शासन कर रही है।

उन्होंने कहा, "पड़ोसी राज्यों में मित्र सरकारें होने के बाद भी तमिलनाडु सरकार राज्य को उसका उचित हिस्सा दिलाने में विफल रही है। विपक्ष इस विफलता को सामने लेकर आएगा।''


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