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जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार

केंद्र सरकार की ओर से जातिगत जनगणना के जारी किए गए नोटिफिकेशन पर मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह नोटिफिकेशन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले का लॉलीपॉप है

जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार
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खंडवा। केंद्र सरकार की ओर से जातिगत जनगणना के जारी किए गए नोटिफिकेशन पर मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह नोटिफिकेशन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले का लॉलीपॉप है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बुधवार को खंडवा जिले के प्रवास पर पहुंचे और यहां उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह नोटिफिकेशन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा पूरे देश में जगाई गई अलख का नतीजा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह जातिगत जनगणना क्या 2029 से पहले हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने पूरे देश में अलख जगाई थी, इसके बाद ही केंद्र सरकार को झुकना पड़ा है और इस पर सरकार ने नोटिफिकेशन निकाला। लेकिन 2029 के चुनाव से पहले केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या चुनाव के पहले जातिगत जनगणना होगी? क्या महिला आरक्षण मिलेगा? क्या चुनाव के पहले परिसीमन होगा? क्योंकि हमें नहीं लगता कि चुनाव के पहले यह सब होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। यह सब बिहार की विधानसभा चुनाव को लेकर दिया गया एक लॉलीपॉप है, वास्तव में यह सब लोकसभा के पहले समय पर होना चाहिए।

दरअसल पिछले दिनों जातिगत जनगणना के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है और उसके बाद से ही सियासी दलों में बयानबाजी का दौर जारी है। भाजपा की ओर से जहां प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार तथा पार्टी को जातिगत जनगणना का सच्चा हिमायती बताया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने देशव्यापी जातिगत जनगणना को लेकर अभियान चलाया और उसी के चलते केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन जारी करना पड़ा है। साथ में कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार और भाजपा की मंशा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। दोनों राजनीतिक दलों की ओर से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि जातिगत जनगणना का फैसला उन्हीं के प्रयासों के चलते हुआ है। इसके लिए राजनीतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं।



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