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जाति उन्मूलन आंदोलन ने अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने की कटु निंदा

जाति उन्मूलन आंदोलन ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली के साहूकारा में डॉक्टर अंबेडकर की मूर्ति को फासिस्ट भगवा शासन द्वारा ध्वस्त किए जाने की तीव्र निंदा की है।

जाति उन्मूलन आंदोलन ने अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने की कटु निंदा
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रतिभान त्रिपाठी
लखनऊ, 21 नवंबर (देशबन्धु) : जाति उन्मूलन आंदोलन ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली के साहूकारा में डॉक्टर अंबेडकर की मूर्ति को फासिस्ट भगवा शासन द्वारा ध्वस्त किए जाने की तीव्र निंदा की है। आंदोलन ने कहा है कि यह कृत्य मनुवादी फासिस्ट योगी सरकार द्वारा भारतीय संविधान के रूपकार और शोषितों के नेता डॉक्टर बीआर अम्बेडकर के मूतियों को सुनियोजित तरीके से विकृत व ध्वस्त करने की परियोजना की निरंतरता में है। साथ ही यह फासिस्ट योगी आदित्यनाथ सरकार के खुले और गुप्त संरक्षण में जातिवादी दबंगों द्वारा दलित उत्पीड़ितों के खिलाफ तेज होते उत्पीड़नों के तार से भी मजबूती से जुड़ा है।
आंदोलन की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जहां जिला प्रशासन इसे पुलिस द्वारा "सम्मानजनक रूप से" ,"हल्का बल प्रयोग करते हुए" ,"गैरकानूनी मूर्ति" को हटाया गया है ऐसा कहता है, उपलब्ध जानकारी के अनुसार , प्रशासन ने दलित समुदाय पर निर्मम तरीके से बल प्रयोग करते हुए पांच पुलिस थानों के पुलिसकर्मियों का इस्तेमाल कर बुलडोजर के जरिए मूर्ति को ध्वस्त किया है। यह कोई अलग घटना नहीं है। जहां दलित ,मनुवादी हिंदुत्व के खिलाफ अपनी स्वाभाविक राजनैतिक चेतना के चलते विरोध के प्रतीक के रूप में आंबेडकर की मूर्ति स्थापित करते हैं ,तब उच्च वर्ण के ब्राम्हणवादी वर्चस्व वालों द्वारा पुलिस प्रशासन की मदद से इन मूर्तियों पर कालिख पोतने से लेकर ध्वस्त किया जाना आज उत्तर प्रदेश में आम बात है।
जाति उन्मूलन आंदोलन,भाजपा सरकार के खुले संरक्षण में दलितों के खिलाफ चुन चुन कर किए जा रहे फासीवादी हमलों की तीव्र निंदा करता है। वो भी ऐसे समय में जब मनुवादी हिंदुत्व के लिए समर्पित और ब्रिटिश साम्राज्य के आगे नतमस्तक उच्च वर्णों के शिखर पुरुषों की मूर्तियों/चित्रों/जीवन गाथाओं को सरकारी संरक्षण में स्थापित/महिमामंडित किया जा रहा है ,घोर निंदनीय है। हम तमाम जनवादी प्रगतिशील ताकतों से आह्वान करते हैं कि वे मनुवादी हिंदुत्व फासिस्ट ताकतों के इस घृणित आक्रमण के खिलाफ आवाज बुलंद करें।

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