Top
Begin typing your search above and press return to search.

सीजीएचएस कानपुर में नकदी का संकट, मरीजों की जान सांसत में

 केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की कानपुर इकाई इन दिनो बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रही है

सीजीएचएस कानपुर में नकदी का संकट, मरीजों की जान सांसत में
X

कानपुर। केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की कानपुर इकाई इन दिनो बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रही है।

सीजीएचएस प्रशासन के सूत्रों ने आज यहां बताया कि सीजीएचएस की नौ डिसपेंसरियों को दवाओं की आपूर्ति करने वाले दवा ठेकेदारों को पिछले तीन महीने से भुगतान नही हुआ है जबकि संविदा में नियुक्त चिकित्सकों और कर्मचारियों को भी तीन महीने से वेतन नही मिला है।

यहां तक कि पिछले दिनों बिजली के बिल का समय से भुगतान न हो सकने के कारण रतनलाल नगर स्थित सीजीएचएस के मुख्यालय की बिजली काट दी गई थी।

उधर पेंशनर फोरम ने इस सिलसिले में अतिरिक्त निदेशक डा पीके पचौरी से मुलाकात की और आर्थिक संकट के कारण लाभार्थियों को मिलने वाली सहुलियतों में व्यवधान आने की शिकायत की।

डा पचौरी ने फोरम को बताया कि उन्होने मौजूदा संकट से निपटने के लिये दिल्ली स्थित मुख्यालय को पत्र लिखकर 17 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट मांगा है।

फोरम के अध्यक्ष आनंद अवस्थी ने यूनीवार्ता से कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होने अतिरिक्त निदेशक से कहा कि जबलपुर और पुणे जैसी छोटी जगहों पर कम लाभार्थी होने के बावजूद वहां का बजट 70 करोड़ है जबकि कानपुर का बजट 70 करोड से घटाकर 38 करोड कर दिया गया है।

यदि 17 करोड का बजट अनुमोदित भी हो जाता है तो भी कुल 55 करोड में यहां का भला नहीं हो सकता क्योंकि यहां पर लाभार्थियों की तादाद जबलपुर और पुणे के मुकाबले दोगुनी है।

उन्होने कहा कि ठेकेदारों द्वारा दवाओं की आपूर्ति कम किये जाने का सीधा असर लाभार्थियों पर पड रहा है। सीजीएचएस में पेंशन भोगी लाभार्थियों की खासी तादाद है और वह पूरी तरह सीजीएचएस के इलाज पर आश्रित हैं। संविदा पर नियुक्त डाक्टर भी वेतन में हो रहे विलंब के चलते मरीजों पर कम ध्यान दे रहें है।

श्री अवस्थी ने कहा कि उधर आर्थिक सकंट के कारण मरीजों के बकाया बिल भी लंबित पड़े है। यह सब संस्थान की भयावह स्थिति की ओर इशारा करता है। यदि इस बारे में तत्काल कदम नही उठाया गया तो इसका सीधा असर मरीजों पर पडेगा।

उन्होने कहा कि आर्थिक संकट का यदि सीजीएचएस प्रशासन कोई कदम नही उठाता है तो फोरम इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करेगा।



Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it