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महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार के मामले बढ़े

रायपुर जिले में पिछले 1 माह के दौरान महिलाओं के साथ अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं

महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार के मामले बढ़े
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रायपुर। रायपुर जिले में पिछले 1 माह के दौरान महिलाओं के साथ अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं इसमें ज्यादातर मामले शारीरिक और मानसिक शोषण की हैं इन सभी प्रकरणों में धारा 498 का मामला दर्ज कर पुलिस विवेचना चल रही है इसके अलावा शारीरिक शोषण के भी कई प्रकरण दर्ज हुए हैं ज्यादातर शारीरिक शोषण के मामले में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की घटनाएं हैं वही इन मामलों को लेकर छानबीन के दौरान जो कारण बताए जा रहे हैं उसमें अवसाद और बेरोजगारी को प्रमुख कारण कहा जा रहा है जो वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान कई तरह की उपस्थित हुई परिस्थितियों के कारण हैं लिहाजा यह कहना संभव है कि वैश्विक महामारी ने कई नई समस्याओं के साथ इस तरह की समस्याओं को भी नए तरह से जन्म दे दिया है यह कहा जा रहा है कि मनोवैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इस तरह के मामलों की रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत है ताकि रोकथाम की जा सके।

उल्लेखनीय है कि राजधानी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आरंग इलाके में वर्ष 2020 में पति पत्नी के बीच विवाद के चलते एक घटना सामने आई थी इस घटना में पत्नी ने पति की प्रताडऩा से तंग आकर मिट्टी तेल शरीर पर छिडक़ कर आग लगा ली थी और आत्महत्या का प्रयास किया था इस दौरान पति ने महिला को बचाने का प्रयास किया और काफी गंभीर रूप से झुलस गया बाद में दोनों पति पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी इस घटना में सबसे प्रमुख वजह घरेलू हिंसा को बताया गया था 2 साल बाद आरंग थाने में अब उक्त प्रकरण में पति के खिलाफ शारीरिक और मानसिक शोषण करने के साथ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है जबकि आज की परिस्थिति में पति पत्नी की मौत हो चुकी है यह पहली घटना नहीं है इस तरह के मामले अधिकांश अवसरों पर सामने आते रहे हैं।

रायपुर के ही बजरंग नगर क्षेत्र में एक प्रकरण दर्ज हुआ है जिसमें एक युवती को शादी का झांसा देकर एक युवक 2 वर्षों तक लगातार शारीरिक शोषण करता रहा बाद में शादी के लिए दबाव बनाने पर इंकार कर दिया इस पर महिला की शिकायत में पुलिस ने अपराध दर्ज किया है और आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है अमूमन रायपुर शहर के हर थाने में महिला उत्पीडऩ के दर्जनों मामले दर्ज हैं महिलाओं की सुरक्षा के लिए और अपराध को रोकथाम के लिए बनाए गए महिला थाने में भी जनवरी माह के अंदर 33 प्रकरण दर्ज हुए हैं जिन पर पुलिस धारा 498 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है असल में धारा 498 दहेज उत्पीडऩ की धारा है लेकिन कहीं ना कहीं यह सभी मामले घरेलू हिंसा से लेकर शुरुआत करते हैं और अंत दहेज उत्पीडऩ पर जाकर होता है।

महिला को कम पढ़ी-लिखी बता कर कुरूप बताकर और बेरोजगार बताकर भी प्रताडि़त करने के मामले सामने आए हैं पुलिस का कहना है कि दो परिवारों के बीच रिश्ता तय होते समय सभी परिस्थितियों सामने होती हैं और मंजूरी के बाद निर्णय होता है और वैवाहिक सूत्र में बनते हैं ऐसी स्थिति में दहेज के मामले सामने आना कहीं ना कहीं समाज की एक ऐसी भी संगति है जो सामाजिक विकास को रोक सकती है महिला थाना प्रभारी ने कहा कि जनवरी में 32 मामले धारा 498 के दर्ज हुए हैं और फरवरी के अभी तक एक मामला सामने आया है जिसमें विवेचना चल रही है घरेलू हिंसा में केवल शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा ही नहीं होता है इसमें आर्थिक मामलों को लेकर भी अपराध दर्ज होते हैं।

विवाहित स्त्री से दहेज में रकम की मांग को लेकर प्रताडऩा देने के घटनाएं सामने आती रही उन्होंने बता बताया कि इन मामलों की सुनवाई के लिए थाने के अंदर प्राथमिक तौर पर काउंसलिंग के जरिए निराकरण की कोशिश होती है दोनों पक्षों में समझाई नहीं बनने की स्थिति में अदालत तक मामला जाता है लेकिन पुलिस की कोशिश है कैसे मामलों को काउंसलिंग से ही हल करने की स्थिति बनाई जाए ताकि परिवार का विघटन रुक सके फिलहाल की स्थिति में वर्ष 2019 से प्रारंभ हुई कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते कई स्थितियों ने जन्म लिया जिसमें सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की रही महिला और पुरुष बेरोजगार होने के कारण आपस में तनाव में आए और बात झगड़े तक बढ़ गई इसीलिए विवाहित पुरुष और महिला में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े जिसका उपचार फिलहाल तो सामने नहीं है लेकिन आने वाले दिनों में समाज के अंदर एक नई व्यवस्था कायम बने तभी ऐसे मामलों की रोकथाम हो सकेगी।

काउंसलिंग से रिश्ते बचाने की कोशिश

इस मामले में महिला थाना के प्रभारी का कहना है कि उनके थाने में दर्ज प्रकरणों को सुनवाई के दौरान प्राथमिकता से लिया जाता है और यह कोशिश होती है कि परिवार टूटने से बच जाएं और काउंसलिंग के जरिए हल करने की कोशिश होती है कई परिवार समझा इसके बाद सुलह सफाई करके राजी खुशी चले जाते हैं लेकिन कई में अनुबंध बनी रहती है और मामला कोर्ट तक जाता है

  • कविता धुर्वे,महिला थाना प्रभारी रायपुर


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