मामला हाईकोर्ट में,फिर भी कचरा डंपिंग!
शहर से निकलने वाले कचरे को अभी भी कचरा उठाने वाले कंपनी के द्वारा मंगला में ही डंप किया जा रहा है

बिलासपुर। शहर से निकलने वाले कचरे को अभी भी कचरा उठाने वाले कंपनी के द्वारा मंगला में ही डंप किया जा रहा है। इसी डंप कचरे में कुछ दिन पहले आग लगा दी गई थी हालांकि अभी आग बुझ गई है, लेकिन कचरा डंप किया जाना बंद नहीं हुआ है।
मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है और कुछ ही दिनों में जिम्मेदार अधिकारियों को हाईकोर्ट मे जवाब भी देना है। वहीं स्थानीय निवासियों द्वारा उग्र आंदोलन की तैयारी जा रही है।
शहर को साफ सुथरा रखने के लिए जो कचरा आसपास के गांवों में डंप किया जा रहा है, उसमें गांवों में बड़ा विकट स्थिति बनती जा रही है।
मंगला में डंप किए गए 8 फीट ऊंचे कचरे के ढेर में पिछले 15 दिनों से आग लगी हुई थी, जिससे निकलने वाले धुएं से गांव का वातावरण प्रदूषित हो रहा है और यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। आनन्-फानन् में आग बुझाई गई, लेकिन कचरा अभी भी वहां फेका जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सेंदरी स्थित कछार में पहले से ही लगभग 30 एकड़ जगह शहर के कचरे को डिस्पोज करने के लिए तय किए जा चुके है। तो फिर क्यों मंगला में कचरा डंप किया जा रहा है यह एक गंभीर विषय है।
स्थानीय मंगला निवासियों का मानना है कि यह सब कंपनी को फायदा पहुंचाने का अधिकारियों व कर्मचारियों की आपसी सांठगांठ है क्योंकि यदि कचरा कछार पहुंचाते है तो ज्यादा खर्चर् आता है।
खाद व ईंधन बनाने का है निर्देश
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पद्धति के अनुसार शहर के वार्डो से रोजाना निकलने वाले करीब 150 टन कचरे को वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा खाद व ईंधन बनाने के लिए डंप किया जाना है, लेकिन यहां ऐसा अब तक नहीं हो पा रहा है।
बल्कि सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। खाद, बायोगैस बनाकर बिजली उत्पादन, के साथ मृत जानवरों के लिए भष्मीकरण यंत्र लगाया जाना है।


