सीएए विरोधी प्रदर्शन के लिए शायर मुनव्वर राणा की बेटियों के खिलाफ मामला दर्ज
यह प्राथमिकी ठाकुरगंज के निवासी सेठ पाल सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है, जो मूल रूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ लखनऊ में घंटाघर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा की बेटियों और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ठाकुरगंज पुलिस स्टेशन में सोमवार देर रात अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 145 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होना या शामिल होने या जारी रखना यह जानते हुए भी कि इसे तितर-बितर करने की आज्ञा दी गई है) धारा 188 (लोकसेवक द्वारा विधिवत दिए आदेश की अवज्ञा) और 283 (सार्वजनिक रूप से खतरा या रुकावट) के तहत 20 महिलाओं, दो पुरुषों और 135 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
यह प्राथमिकी ठाकुरगंज के निवासी सेठ पाल सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है, जो मूल रूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं।
मुन्नवर राणा की दोनों बेटियों सुमैया और फौजिया राणा के खिलाफ दर्ज मामले में रुखसाना और सफी फातिमा नामक दो अन्य महिलाएं और अन्य आठ से 10 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के नाम भी शामिल हैं।
शिकायत में कहा गया है कि जब एक महिला पुलिसकर्मी ने उनसे वहां से हटने के लिए कहा तो उन्होंने न केवल हटने से इनकार किया, बल्कि उसके साथ धक्का-मुक्की भी की।
दिल्ली में शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन की तर्ज पर शुरू हुए सीएए के विरोध में शुक्रवार दोपहर बमुश्किल 15 महिलाएं थी और देखते ही देखते अब प्रदर्शन में 5,000 से अधिक महिलाएं शामिल हो गई हैं।
शुक्रवार रात को, पुलिस ने न केवल विरोध स्थल पर बिजली काट दी, बल्कि शौचालय में भी ताला लगा दिया। वे जबरन कंबल उठा ले गए और अलाव पर पानी डाल दिया।
शहर का सिख समुदाय पिछले चार दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं और बच्चों के लिए लंगर चला रहा है।
पुलिस ने पुरुषों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने गणतंत्र दिवस समारोह और फरवरी के पहले सप्ताह में लखनऊ में डिफेंस एक्सपो के मद्देनजर रविवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी।


