कार रैली निकाल दिखाए काले झंडे
आबादी बचाओ को लेकर किसानों के गांवों की आबादी को तोड़ने के लिए प्राधिकरण द्वारा दिए गए नोटिस के विरोध में आंदोलरत ग्रामीणों ने आबादी बचाओ समिति के तत्वावधान में सोमवार को प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित

नोएडा। आबादी बचाओ को लेकर किसानों के गांवों की आबादी को तोड़ने के लिए प्राधिकरण द्वारा दिए गए नोटिस के विरोध में आंदोलरत ग्रामीणों ने आबादी बचाओ समिति के तत्वावधान में सोमवार को प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित कार्यालय का घेराव किया। चार बजे तक भाषणबाजी करने के बाद ग्रामीण प्राधिकरण के परिसर में प्रवेश कर गए। यहां पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने ओएसडी राजेश सिंह को ग्रामीणो की बात सुनने के लिए भेजा। ग्रामीणों ने उनको वापस कर दिया।
प्राधिकरण सीईओ से मिलने पर अमादा रहे। ग्रामीणों में आक्रोष बढ़ा तो उन्होंने स्वागत कक्ष और वीआईपी गेट भी तोड़ दिया। अभद्र्र भाषा का प्रयोग किया गया। वार्ता के लिए एक प्रतिनिधि मंडल चेयरमैन के रूम में गया। वार्ता के दौरान भी हंगामा जारी रहा। प्राधिकरण ने कइ गांवों में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी कर रखे है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह आबादी की जमीन है। अवैध निर्माण नहीं है। इसको लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने आबादी बचाओ समिति के बैनर तले कार रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन था। दोपहर करीब 12 बजे भंगेल से कार रैली की शुरुआत की गई।
डीएससी रोड से होता हुआ दोपहर करीब डेढ़ बजे काफिला नोएडा प्राधिकरण पहुंचा। रैली भंगेल से सलारपुर, अगाहपुर, बरौला होते हुए अट्टा, मेट्रो सेक्टर-15 से उद्योग मार्ग होते हुए प्राधिकरण पहुंची। यहा ग्रामीणों के प्रतिनिधियों ने भाषणबाजी की। करीब चार बजे तक नेताओं ने भाषण दिए। इसके बाद प्राधिकरण आला अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए ओएसडी राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों के बीच भेजा ग्रामीणों ने ओएसडी वापस जाओं के नारे लगाए। साथ ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मिलने की बात कही। करीब 20 मिनट के इंतजार के बाद आक्रोशित ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने स्वागत कक्ष के साथ वीवीआईपी गेट पर धरना तेज कर दिया।
पुलिस के साथ हुई झड़प
ग्रामीणों ने जबरन प्राधिकरण में प्रवेश की कोशिश की। इस दौरान पुलिस बल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। ओएसडी भी मौके पर मौजूद रहे। ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। नौबत गाली गलौच तक पहुंच गई। किसी तरह पुसिल वालों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन नहीं माने। इसके बाद ग्रामीणों ने स्वागत कक्ष का गेट तोड़ दिया। वहीं, वीवीआईपी गेट को जबरन खुलवाकार अंदर घुस गए। इस दौरान पुलिस बल भी उन्हें रोकने में नाकाम रहा। रैली के दौरान यातायात नियमों का खुला माखौल उड़ाया गया।
इस दौरान ग्रामीण ट्रेक्टर आर लग्जरी गाड़ियों से प्राधिकरण पहुंचे। रैली के दौरान ग्रामीणों ने हाथों में काले झंडे ले रखे थे। पूरे रास्ते वह प्राधिरकण व शासन व प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए। आलम यह था कि वह गाड़ियों से बाहर तक निकले हुए थे। इस दौरान डीएससी रोड पर लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ा। यहा कारों के काफिले को निकलाने के चक्कर में अन्य सड़कों यानी एमपी-1,2,3 पर जाम लग गया।
इसके अलावा सेक्टर-15 से उद्योग मार्ग पर जाम रहा। आक्रोशित ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से वार्ता की। इस दौरान ग्रामीणों ने आबादी को जारी किए गए नोटिस का मुद्दा उठाया। सीईओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया बिना सर्वे किए अब कोई भी अवैध निर्माण तोड़ा नहीं जाएगा। जिन गांवों को नोटिस जारी किए गए है उनका सर्वे किया जाएगा। आबादी जहां है जैसी के आधार पर सम्पत्ति का अधिकार देकर उनके घरों को मालिकाना हक देने के साथ बैंक में मोरटगेज परमिशन देने का अधिकार मिले। ग्रामीणों को 1976 से लेकर अब तक आवासीय भूखंड एवं 10 प्रतिशत विकसित भूमि डेवलपमेंट के साथ तुरंत दिए जाए।
आबादी के बीच से डंपिग ग्राउंड को हटाया जाये। 1976 से अब तक जो 297 रुपए का मुआवजा नहीं मिला सभी गांवों को तुरंत दिए जाए, पीपी एक्ट के मुकदमे सभी ग्रामीणों से वापस लिये जाए। भूमि का अधिग्रहण एनसीआर एक्ट 1985 के तहत होना है लिहाजा 1976 से लेकर अब तक जिन गांवों की भूूमि का अधिग्रहण किया गया उन गांवों की सर्वे रिपोर्ट ग्राम प्रधान,ग्राम पंचायत सदस्य, बी डी सी सदस्य के हस्ताक्षर व नाम सहित रिपोर्ट को जनता के सामने प्रकाशित किया जाये जिससे हमें यह ज्ञात हो कि अधिग्रहण एक्ट के अनुसार हुआ है या नहीं। कृषक श्रेणी की आवासीय भूखंड योजना 2011 को फरवरी महीने में स्कीम निकालने दिया।
वहीं, मूल आबादी पर किसानों को आगे कोई भी नोटिस जारी नहीं दिया जाएगा। इस दौरान समिति के प्रतिनिधि मंडल में शामिल रघुराज सिंह, योगेंद्र अवाना, सतेंद्र शर्मा, पुरुषोत्तम नागर, ललित अवाना गौतम आवाना, सुरेश प्रधान मौजूद रहे।


