गन्ना किसानों को बेल आउट पैकेज चुनावी शिगूफा : भाकियू
टिकैत ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा कि यदि भारत सरकार वास्तव में गन्ना किसानों की समस्या का समाधान करना चाहती है

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने गन्ना किसानों को 7000 करोड़ रुपये का बेल आउट पैकेज दिए जाने के केंद्र सरकार के विचार पर मंगलवार को कहा कि बेल आउट पैकेज गन्ना किसानों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस तरह के पैकेज दिए जाते रहे हैं। यूपीए सरकार द्वारा 6000 करोड़ रुपये व राजग द्वारा भी 1500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। यह भी चुनावी शिगूफा है।
टिकैत ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा कि यदि भारत सरकार वास्तव में गन्ना किसानों की समस्या का समाधान करना चाहती है तो उसे अविलंब छह फैसले लेने आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इन छह फैसलों पर कदम उठाए बिना गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाया गया तो सरकार को किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। सरकार ये छह फैसले तुरंत ले-
1. चीनी को दो हिस्सों में वर्गीकृत कर घरेलू और व्यापारिक उपयोग की चीनी के दाम अलग-अलग तय किए जाएं। घरेलू उपयोग में आने वाली चीनी का मूल्य 25 रुपये किलोग्राम एवं व्यापारिक चीनी (चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक, मिठाई आदि) के उपयोग के दाम 100 रुपये प्रति किलोग्राम तय किए जाएं।
2. देश में चीनी का बफर स्टॉक बनाया जाए।
3. देश में एथेनॉल को बढ़ावा दिया जाए। पेट्रोलियम में 25 प्रतिशत तक एथेनॉल ब्लैंडिंग की जाए एवं ब्राजील की तरह गन्ने के रस से एथेनॉल बनाए जाने वाली टेक्नोलॉजी को बढ़ाया जाए।
4. चीनी के निर्यात पर सब्सिडी दी जाए।
5. देश में शुगर केन फंड की स्थापना की जाए। गन्ना दिए जाने के 24 घंटे बाद इस फंड से किसानों का भुगतान किया जाए। समय पर भुगतान न करने वाली शुगर मिलों से ब्याज वसूला जाए।
6. चीनी आयात पर शत-प्रतिशत आयात ड्यूटी लगाई जाए एवं आयात रोकने के लिए मात्रात्मक प्रतिबंध भी लागू किए जाएं।


