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टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निरस्त

 कांजी हाउस, सड़क, नाली, पानी टंकी और जोनल कार्य से जुड़ा कोई भी काम कराने के लिए नगर पंचायत द्वारा जारी किए जा रहे टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही निरस्त कर दिया जा रहा

टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निरस्त
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रायगढ़। कांजी हाउस, सड़क, नाली, पानी टंकी और जोनल कार्य से जुड़ा कोई भी काम कराने के लिए नगर पंचायत द्वारा जारी किए जा रहे टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही निरस्त कर दिया जा रहा है। वहीं निरस्त करने का एक ही सरकारी शब्द अपरिहार्य कारण का हवाला देकर अपनी गलतियों पर पर्दा डाला जा रहा है। चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने के लिए शासकीय विभागों में टेंडर जारी करने और विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के बाद निरस्त करने इन दोनों ही मामलों में सरिया नगर पंचायत फिलहाल सरताज बना हुआ है। 22 कार्यो के लिए 1 करोड़ रुपए के टेंडर को 2 बार निरस्त कराया गया है। अब तीसरी बार टेंडर निरस्त की साजिश रची जा रही है। टेंडर में हो रहे इस खेल में जनता के पैसे का भरपूर दुरूपयोग किया जा रहा है। नगर पंचायत सरिया द्वारा 22 कार्यो के लिए 1 करोड़ रुपए का टेंडर पिछले 5 माह में तीन बार जारी हो चुका है। जिसमें दो बार निरस्त किया जा चुका है। निरस्त करने की कोई ठोस वजह नहीं है। अब तीसरी बार नपं की ओर से टेंडर जारी किया गया है जिसमें ठेकेदारों ने इतनी बिलो राशि से टेंडर भरा है कि काम देना उचित नहीं है। ज्यादा विलो रेट भरने की वजह टेंडर निरस्त करने की है। दरअसल, सरिया नगर पंचायत में अपने चहेते को ठेका न मिलने की वजह से ये सारा खेल खेला जा रहा है। वहीं ठेका नहीं हो पाने की वजह से विकाय कार्य भी नगर में ठप पड़ा हुआ है। वहीं नगर के चौक चौराहों में भी अब सरिया नगर पंचायत के अध्यक्ष शरद यादव को लोग कोस रहे हैं। जबकि नियमानुसार ठेकेदार इतनी बिलो राशि मे टेंडर भरते हैं तो कम से पहले अंतर राशि नगर पंचायत में अंतर राशि जमा करा कर काम लेना चाहिए पर सब कुछ समझ से परे है। जनता की आंखों में धूल झोंक कर यह खेल हो रहा है। लोगों में चर्चा का विषय है कि ये भी टेंडर अब निरस्त होने वाली है।

क्या है टेंडर का नियम
टेंडर के नियम पर गौर करे तो जिस टेंडर में अधिक दर आता है उसे नगर पंचायत निरस्त कर सकती है। टेंडर को निरस्त करने की यह प्रक्रिया दो बार तक की जा सकती है। वहीं तीसरी बार भी अधिक दर आता है तो संबंधित ठेकेदार से निगोशिएशन करते हुए टेंडर के दर को कम कराया जाता है, नपं के अधिकारियों ने दो बार टेंडर निरस्त कर दिया है अब तीसरी बार भी टेंडर निरस्त करने की तैयारी की जा रही है। इससे नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की मंशा स्पष्ट झलक रही है।

क्या है एबब और बिलो
किसी भी टेंडर के लिए नगर पंचायत के एक दर निर्धारित की जाती है। इस निर्धारित दर से कम की राशि में काम करने के लिए निविदा फार्म जमा करने को बिलो कहा जाता है। वहीं निर्धारित दर से अधिक कीमत पर काम करने के लिए जो टेंडर आता है उसे तकनीकी भाषा में एबब कहा जाता है।


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