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सत्ता के लिए क्या संवैधानिक परंपरा को कुचल सकते हैं प्रधानमंत्री? : कांग्रेस

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को जब 31 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव दिया

सत्ता के लिए क्या संवैधानिक परंपरा को कुचल सकते हैं प्रधानमंत्री? : कांग्रेस
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को जब 31 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव दिया, उसके तुरंत बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोरोनावायरस से लड़ने के बजाय पार्टी के लिए लड़ने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या वह सत्ता के लिए संवैधानिक परंपरा को कुचल सकते हैं? कांग्रेस नेता अजय माकन ने यहां मीडिया से कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि संविधान और स्थापित संवैधानिक परंपरा को भाजपा द्वारा निर्दयतापूर्वक कुचला जा रहा है।

यहां प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा, "लगता है कि न्यायपालिका से जो उम्मीद थी, वह भी नहीं बचेगी। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे लोग बेबस और संविधान को बचाने में अक्षम दिख रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "लोकतंत्र पर भाजपा के हमले को क्या देश स्वीकार कर लेगा? बहुमत के जनादेश का फैसला राजस्थान के 8 करोड़ लोगों के वोट करेंगे या दिल्ली में बैठे नेताओं द्वारा बाहुबल और धनबल का उपयोग किए जाने से होगा? क्या प्रधानमंत्री और भारत सरकार सत्ता पाने के लिए संवैधानिक परंपरा को कुचल सकते हैं? क्या राज्यपाल बहुमत द्वारा निर्वाचित राजस्थान द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के अनुरोध को ठुकराकर संविधान की अवहेलना कर सकते हैं? क्या कोई राज्यपाल असंवैधानिक रूप से विधायिका के आधार क्षेत्र में जाकर हस्तक्षेप कर सकता है? क्या यह विधायिका और न्यायपालिका को आमने-सामने खड़ा करने जैसा नहीं होगा?"

पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन ने यह भी कहा कि समूचा देश कांग्रेस के लोकतंत्र बचाओ अभियान के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कर रहा है।

उन्होंने कहा, "देश के लोगों से हमारा आह्वान है कि वे लोकतंत्र को बचाने के इस यज्ञ में अपना योगदान दें। यह दिल से देशभक्ति जताने से कहीं बढ़कर होगा।"


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