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पानी के लिए मच सकता है हाहाकार

जिले में फिर जलसंकट गहराने लगा है। भूजल सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भूजल सामान्य स्तर से नीचे चला गया है। आने वाले महीने में संकट गहरा सकता है। ....

पानी के लिए मच सकता है हाहाकार
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बिलासपुर। जिले में फिर जलसंकट गहराने लगा है। भूजल सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भूजल सामान्य स्तर से नीचे चला गया है। आने वाले महीने में संकट गहरा सकता है। जबकि जिले में तेजी से गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मार्च महीने में तापमान 43 डिग्री से ऊपर जा चुका है। जिससे पंद्रह साल में मार्च महीने में 42 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं पहुंचा था। जिले के बांधों में 30 प्रतिशत से कम पानी है। जबकि मौसम विभाग के अनुसार इस साल सामान्य बारिश से कम बारिश होने का अनुमान है।
8 टंकियों से जलापूर्ति शुरू नहीं
शहर की जलवर्धन योजना के तहत पानी टंकियों से पानी की सप्लाई भी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है जबकि नगर निगम ने करोड़ों की लागत से शहर में पानी सप्लाई के लिए आठ टंकियों का निर्माण किया है। 8 पानी टंकियों को पाइप लाइन से जोड़ने का कार्य अभी तक चल रहा है। पिछले पांच साल में पानी टंकियों से शहर को पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। जबकि शहर में भी बोर खोदाई का कार्य तेजी से चल रहा है। जिला प्रशासन से बिना अनुमति निजी बोर खोदने का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। अधिक बोर होने से जलस्तर तेजी से नीचे आ रहा है। लेकिन जिला प्रशासन इस संकट को लेकर अभीतक गंभीर नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में इस गर्मी में जलसंकट और गहरा सकता है। भूजल सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भूजल सामान्य स्तर से नीचे जा रहा है। जबकि गर्मी बढ़ती जा रही है।
पानी का उपयोग बढ़ेगा
आने वाले महीने में भूजल संकट गहराने की संभावना के महीने में 43 डिग्री से ऊपर जा चुका है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल गरमी का प्रकोप अधिक रहेगा। गरमी का प्रकोप अधिक होने से पानी का उपयोग भी अधिक होगा तेज गरमी पड़ने से तालाब, कुएं और बांधों का पानी सूखने लगेगा लेकिन जिले के बांधों की हालात और खराब हो गई है क्योंकि जिले के बांधों में पानी का स्तर केवल 30 प्रतिशत के नीचे पहुंच गया है। जिसके कारण जिला प्रशासन ने बांधों के पानी का उपयोग केवल पीने के लिए देने का फैसला लिया है। उधर मौसम विभाग का कहना है कि इस साल सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। जबकि जिले के बांधों में पिछले पंद्रह सालों में जल स्तर काफी रहा है। इस साल बांधों में कम पानी के कारण इसका उपयोग इस साल शासन खेती किसानों के लिए नहीं कर सकता है। बारिश कम होने से संकट और गहरा सकता है। इधर नगर निगम ने पिछले साल से जलवर्धन योजना के तहत शहर में आठ पानी टंकियों का निर्माण कराया है। शहर में पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन का कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जिसके कारण पानी टंकी से आम जनता को पानी नहीं मिल पा रहा है।
अभी पंप हाउस बंद होंगे
नगर निगम की योजना यह है कि शहर में आठ पानी टंकी से एक साथ पानी सप्लाई पूरे शहर को की जाए। लेकिन पाइप लाइन बिछाने का कार्य नहीं हो पाने से शहर की जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि नगरनिगम ने शहर में पानी सप्लाई पम्प हाउस से कर रहा है। लेकिन सैकड़ों पम्प हाउस होने कारण शहर का भूजल स्तर काफी नीचे जा रहा है। जब जलवर्धन योजना के तहत पानी टंकी शुरू होने के बाद निगम प्रशासन सभी पम्प हाउस को बंद कर दिया जाएगा।
निजी बोर की बढ़ रही संख्या
शहर और जिले में पानी के लिए निजी बोर की खोदाई अधिक होने से भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जबकि निजी बोर के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना जरुरी है परंतु बिना अनुमति के निजी बोरों की खोदाई तेजी से हो रही है। बोर करने वाले ठेकेदार रात के समय में बोर मशीन से बोर करने का कार्य करते हैं।
अधिक बोर होने जलसंकट काफी मुश्किल में डाल सकता है।


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