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नए मतदाताओं को साधने का अभियान- पसमांदा मुस्लिमों पर है भाजपा की खास नजर

पिछले 8 वर्षों से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद से ही लगातार विस्तार भी कर रही है और एक के बाद एक चुनाव जीतकर मजबूत भी होती जा रही है

नए मतदाताओं को साधने का अभियान- पसमांदा मुस्लिमों पर है भाजपा की खास नजर
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नई दिल्ली। पिछले 8 वर्षों से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद से ही लगातार विस्तार भी कर रही है और एक के बाद एक चुनाव जीतकर मजबूत भी होती जा रही है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने और कुछ राज्यों को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में विपक्षी दलों को लगातार चुनाव हराने के बावजूद भाजपा ने अपने आप को और ज्यादा मजबूत करने के लिए मतदाताओं के नए वर्ग की तलाश करना शुरू कर दिया है। आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि सरकार जल्द ही ऐसे मतदाताओं को भाजपा के साथ जोड़ने के लिए बड़ा अभियान चलाने जा रही है जो आमतौर पर पार्टी का वोटर नहीं माना जाता है। उन्होने बताया कि सरकार संसद के मानसून सत्र के बाद इस अभियान को शुरू कर सकती है। हालांकि इस अभियान की विस्तृत रूपरेखा और कार्यक्रम पर अभी अंतिम मुहर लगनी बाकी है।

हैदराबाद में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुस्लिम मतदाता बहुल आजमगढ़ और रामपुर लोक सभा उपचुनाव में भाजपा की जीत का जिक्र कर रहे थे तो बीच में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री मरेंद्र मोदी ने कहा कि इन दोनों सीटों के नतीजे यह बताते हैं कि दूसरे दलों द्वारा साधे गए समीकरण अब कमजोर पड़ रहे हैं और ऐसे में पार्टी को समाज के विभिन्न समीकरणों के साथ नए प्रयोग करने होंगे। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार की योजनाओं के ऐसे लाभार्थी जो अब तक हमसे दूर रहे हैं , उन तक पहुंच कर यह जानने का प्रयास करना होगा कि वो अब कैसा महसूस कर रहे हैं।

दरअसल, भाजपा की छवि के कारण यह माना जाता है कि अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम मतदाता भाजपा को वोट नहीं करते हैं। देश के तमाम विपक्षी दल भी इसी तरह का दावा करते नजर आते हैं। पिछले कुछ सालों में सरकार के कामकाज और उपलब्धियों के सहारे भाजपा लगातार मुस्लिम समुदाय के लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि बहुसंख्यक समुदाय के बीच कामयाब हो चुके अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले को अपनाते हुए भाजपा बड़े स्तर पर अभियान चलाकर मुस्लिम मतदाताओं के एक बड़े वर्ग को भी अपने साथ लाने की कोशिश करेगी। भाजपा की नजर खासतौर से पसमांदा मुस्लिमों पर है जो देश में मुस्लिमों की कुल आबादी के 80 से 85 प्रतिशत के लगभग कहे जाते हैं लेकिन विकास के मामले में ये अभी तक पिछड़े माने जाते हैं।

भाजपा की लगातार जीत का यह भी एक राज है कि पार्टी लगातार जनता के बीच सक्रिय रहती है, लाभार्थियों से संवाद करती है, कमजोर बूथ और कमजोर सीटों पर खास तैयारी करती है और इसके साथ ही मतदाताओं के नए-नए वर्ग को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करती है।


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