मप्र के गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान जारी
कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान अभी बंद चल रहे हैं

दतिया। कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान अभी बंद चल रहे हैं, ऐसे में बच्चे अन्य गतिविधियों में सक्रिय हैं। मध्यप्रदेश के दतिया जिले में बच्चों के समूह ने एक गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम चला रखी है। बच्चे नियमित रूप से गांव में प्लास्टिक के उपयोग के खात्मे के लिए जागृति अभियान छेड़े हुए हैं। दतिया जिले के सेंमई गांव में बच्चों ने स्वच्छ भारत मिशन की कमान संभाल रखी है। यहां के ग्राम पंचायत व जिला बाल अधिकार मंच ने मिलकर गांव को प्लास्टिक मुक्त ग्राम बनाने का अभियान चलाया है। इस अभियान से जुड़े बच्चे बताते हैं कि वे गांव में यहां-वहां फैले रहने वाले प्लास्टिक की वस्तुओं को एकत्रित करते हैं और गांव वालों को प्लास्टिक का उपयोग न करने की सलाह देते हैं।
बच्चे गांव के लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से अवगत कराने के साथ उन्हें बताते हैं कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कितना घातक है।
गैर सरकारी संगठन स्वदेश संस्था और बच्चों के लिए काम करने वाले संस्था चाइल्ड राइट ऑब्जर्वेटरी (सीआरओ) के सहयोग से बच्चे स्वच्छता अभियान से जुड़े हैं। बच्चे गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने के बनाने के लिए आमजन को जागृत कर रहे हैं, वहीं गांव में फैली रहने वाली प्लास्टिक की सामग्री को जमा करते हैं।
स्वदेश संस्था के संचालक रामजीशरण राय के मुताबिक बच्चे गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान चलाए हुए है। इसमें उन्हें हर वर्ग और समाज के लेागों का सहयेाग मिल रहा है। लोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प भी ले रहे हैं।
इस समय कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य माध्यमिक शाला तक के स्कूल बंद हैं। वहीं अन्य स्कूलों में नियमित तौर पर कक्षाएं नहीं लग रही हैं। बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर सरकार ने 10वीं व 12वीं के बच्चों को पालकों से अनुमति लेकर ही स्कूल आने की व्यवस्था की है।


