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गरीबों की झोपड़ी की जमीन के पट्टे के लिए चलाएं अभियान : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों से कहा कि जिस जमीन पर किसी गरीब की झोपड़ी है

गरीबों की झोपड़ी की जमीन के पट्टे के लिए चलाएं अभियान : योगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों से कहा कि जिस जमीन पर किसी गरीब की झोपड़ी है, वह उसके नाम होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अगर ऐसी जमीन रिजर्व श्रेणी की नहीं है। उसे लेकर कोई विवाद नहीं है तो झोपड़ी की जमीन संबंधित व्यक्ति के नाम करने के लिए स्वामित्व योजना के तहत अभियान चलाएं। कुछ जिलों की तरह जरूरत के अनुसार गरीबों के आवास क्लस्टर में भी बनाए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने यहां अपने आवास पर मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत 21562 आवासों के लाभाथियों के खाते में पहली किस्त के रूप में 87 करोड़ रुपये का हस्तातंरण किया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के हर लाभार्थी को शासन की सभी योजनाओं (शौचालय, रसोईगैस, बिजली, आयुष्मान भारत, जीवन ज्योति और जीवन सुरक्षा आदि) से संतृप्त करने के लिए अभियान चलाएं।

इन लाभार्थियों को वहां की जरूरत के अनुसार, स्वरोजगार के किसी कार्यक्रम (बकरी एवं मुर्गी पालन, डेयरी आदि) से जोड़ें। इस बाबत उनको जरूरी प्रशिक्षण दें और बैंकर्स से जोड़ कर जरूरी पूंजी उपलब्ध कराकर उनको स्वरोजगार के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि घर के लिए मिले पैसे का उपयोग घर के लिए ही हो स्थानीय प्रशासन इसे सुनिश्चित कराए। गरीबों को मकान बनाने के लिए ईंट, बालू, मिट्टी, छड़ आदि वाजिब दाम पर और आसानी से मिलें यह भी सुनिश्चित कराएं। इनकी आपूर्ति करने वालों से संपर्क करें। मकान के कार्य की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करें। इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस वर्ग के लोगों को इस तरह के आवास मिलते हैं, वही टीबी, इन्सेफेलाइिटस, कालाजार और कुपोषण जनित रोगों के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील होता है। इस वर्ग को गोशालाओं से चिन्हित कर पालने की शर्त के साथ एक स्वस्थ्य गाय दें। सरकार ऐसे गायों को पालने के लिए प्रति माह जो 900 रुपये देती है वह उसके खाते में दें। मनरेगा के तहत गायों के रहने के लिए छाजन भी बनाए जा सकते हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के लाभार्थियों से बात की। नाम, पता, पति का काम, कितने बच्चे हैं आदि जैसे सवाल पूछे। यह भी पूछा कि शासन की किन-किन योजनाओं का लाभ मिला है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि इन सबको अभियान चलाकर शासन की सभी योजनाओं से संतृप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिले पैसे से घर बनाना है,साथ में शौचालय भी। बच्चों को नियमित स्कूल भेजें और उनको खूब पढ़ाएं।

जिन लाभार्थियों से मुख्यमंत्री ने बात की, उनमें अयोध्या की प्रेमा, आजमगढ़ की सोनी, कुशीनगर की संगीता, जौनपुर की आशा, गोरखपुर के अक्षयबर, रायबरेली की अंशु, सोनभद्र की के बरई, वाराणसी की मीरा, प्रतापगढ़ के त्रिवेनी और मीरजापुर की मुनरीदेवी शामिल रहीं।


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