सामाजिक बहिष्कार के दुष्प्रभाओं पर सर्वेक्षण अंधश्रद्धा निमूर्लन समिति का अभियान
अंधश्रद्धा निमूर्लन समिति प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के बढ़ते हुए मामले को मद्देनजर रखते हुए सामाजिक बहिष्कार एवं उनके दुष्प्रभाओं पर एक वृहद सर्वेक्षण करवा रही है
रायपुर। अंधश्रद्धा निमूर्लन समिति प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के बढ़ते हुए मामले को मद्देनजर रखते हुए सामाजिक बहिष्कार एवं उनके दुष्प्रभाओं पर एक वृहद सर्वेक्षण करवा रही है। जिसमें समाज के साभी वर्गो मसलन पुरूष, महिल, छात्र, सहित सभी समाज व संगठन के पदाधिकारियों को सर्वेक्षण पत्र भेजे है। जिसमें 9 प्रश्नो के माध्यम से इस कुरीति के समाजिक , आर्थिक और पारिवारिक दुष्प्रभाओं के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है। जिन्हें अतिशीघ्र निष्कर्ण के रूप में शासन को भेजा जाएगा।
डॉ. दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस सर्वेक्षण क प्रश्नों में निम्नलिखित प्रश्रों के सम्मिलित है जिसका हाँ या नही में जवाब मंाग गया है। तथा सामाजिक बहिष्कार के संबंध में प्रस्तवित कानून के संबंध में राय एवं टिप्पणी मांगी गई है कि क्या आप मानते है कि सामाजिक बहिष्कार एक सामाजिक कु रीति है।, सामाजिक बहिष्कार से किसी परिवार का शैक्षक्षिक, आर्थिक, समाजिक विकास प्रभावित होता है।, किसी भी व्यक्ति को समाज से बहिष्कृत करना उचित है।, क्या किसी संगठन/पंचायत को किसी परिवार को समाज से मनमाने ढंग से निकालने का सवैधानिक िअधिकार है।, किसी व्यक्ति और उसके परिवार का बहिष्कार का हुक्का पानि बंद करने का फरमान, उसकी शिक्षा ईलाज सहित सभी सार्वजनिक सुविधाओं से वंचित करना मानवीय दृष्टि से उचित है।, क्या सामाजिक बहिष्कार पर रोक लगानी चाहिए।, क्या सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनना चाहिए। क्या सामाजिक बहिष्कार संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों के विरूद्ध है।, सामाजिक बहिष्कार पर रोक हेतू सुझाव / टिप्पणी ।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि उक्त प्रश्नो को सोशल मीडिया पर भी जारी कर दिया गया है। तथा अलग-अलग समूहों के माध्यम से भी जानकारियां एकत्र की जा रही है। ज्ञात रहे कि अंधश्रद्धा निमूर्लन समिति पिछले समय से प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के संबंध में सक्षम कानून बनाने के लिए निरंतर अभियान संचालित कर रही है। जिसके तहत विभिन्न स्थानों पर जनसम्पर्क अभियान, धरना बैठके आयोजित की जा रही है।




