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आज थम जाएगा मध्यप्रदेश के कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार चरम पर पहुंचने के बाद आज

आज थम जाएगा मध्यप्रदेश के कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार चरम पर पहुंचने के बाद आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। इस वर्ष के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले इन दोनों उपचुनावों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि इन दोनों ही स्थानों पर 24 फरवरी को मतदान होगा और 28 फरवरी को नतीजे आ जाएंगे। शिवपुरी जिले के कोलारस और अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार की समयावधि समाप्त होने के बाद चुनावी शोरगुल थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी मतदाताओं से घर घर जाकर संपर्क कर सकते हैं।

वहीं बाहरी नेताओं और व्यक्तियों को दोनों क्षेत्रों की सीमा से बाहर जाना होगा। शनिवार को होने वाले मतदान में कोलारस में 311 मतदान केंद्रों पर कुल दो लाख 44 हजार 456 (एक लाख 13 हजार 753 महिलाओं समेत) मतदाता चुनाव मैदान में उतरे 22 प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे, वहीं मुंगावली में 264 मतदान केंद्रों पर कुल एक लाख 91 हजार नौ मतदाता (88 हजार 933 महिलाओं समेत) 13 प्रत्याशियों में से अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। दोनों स्थानों पर वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल होगा।

दोनों स्थानों पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही है। कोलारस में मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जैन और कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव के बीच है। वहीं मुंगावली में भाजपा ने बाईसाहब यादव और कांग्रेस ने ब्रजेंद्र सिंह यादव पर दांव खेला है। पिछले विधानसभा चुनाव में कोलारस से कांग्रेस के रामसिंह यादव और मुंगावली से पार्टी के ही महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने जीत हासिल की थी। दोनों के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं।

इन दोनों सीटों पर वापसी के लिए जहां एक ओर कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है, वहीं भाजपा भी आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इन सीटों पर कब्जे को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए हुए है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली मानी जाने वाली इन दोनों सीटों पर प्रचार की कमान शुरु से ही श्री सिंधिया और भाजपा की अोर से स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाली हुई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस उपचुनाव से प्रदेश में श्री सिंधिया के राजनीतिक भविष्य का परिदृश्य पूरी तरह साफ हो जाएगा। कांग्रेस का एक धड़ा लगातार श्री सिंधिया को प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने की मांग कर रहा है, ऐसे में इन दोनों सीटों पर जीत से श्री सिंधिया के कद में और इजाफा संभावित है।

हालांकि पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया समेत पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी साफ कर चुके हैं कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है।

दूसरी ओर अपने राष्ट्रव्यापी अभियान की तर्ज पर भाजपा ने यहां भी विकास को ही मुख्य मुद्दा बनाया है। प्रचार की कमान संभाले मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जनता उन्हें पांच महीने का मौका दे, अगर इतने समय में पार्टी का काम नहीं दिखाई देता, तो विधानसभा चुनाव में मतदाता उन्हें फिर जवाब दे दें। वहीं श्री सिंधिया के प्रभाव को कम करने की कोशिश के तौर पर पार्टी ने यहां श्री सिंधिया की बुआ और प्रदेश की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को मतदाताओं के बीच पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी। श्रीमती सिंधिया भी कई दिन से कोलारस में हेलीकॉप्टर से प्रचार-प्रसार में जुटी रहीं।

रिश्तों और नातों के हिसाब से भी ये उपचुनाव खासा रोचक बन पड़ा है। कोलारस में श्रीमती सिंधिया के भाजपा की ओर से प्रचार मैदान में उतरने के बाद यहां चुनाव में 'सिंधिया बनाम सिंधिया' की झलक दिखाई दी। पूर्व ग्वालियर राजपरिवार के ये दोनों सदस्य अपनी पूरी ताकत से जुटे रहे। दोनों की सभाओं में बराबर की भीड़ उमड़ती रही।

राजपरिवार के ये दोनों सदस्य हेलीकॉप्टर से लेकर बैलगाड़ी तक में ग्रामीण अंचलों तक पहुंचने की कोशिश करते दिखाई दिए।

वहीं मुंगावली में कांग्रेस ने पूर्व विधायक देशराज सिंह यादव के रिश्ते के भाई ब्रजेंद्र सिंह यादव पर दांव खेला, जिसके बाद भाजपा ने देशराज सिंह यादव की पत्नी बाईसाहब यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुनाव को और रोचक बना दिया।

मुंगावली सीट पर चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मतदाता सूचियों में शिकायत के चलते अशोकनगर कलेक्टर बी एस जामोद को हटाने के निर्देश दिए। इसके पहले आयोग ने भिंड जिले के अटेर उपचुनाव के पहले भी कार्रवाई करते हुए वहां से कई अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए थे।


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