Top
Begin typing your search above and press return to search.

सिंधिया समर्थक विधायकों के फोन बंद, कमलनाथ सरकार की मुसीबत बढ़ी

 मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों और मंत्रियों के बंद हुए फोन ने राज्य की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी है

सिंधिया समर्थक विधायकों के फोन बंद, कमलनाथ सरकार की मुसीबत बढ़ी
X

भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों और मंत्रियों के बंद हुए फोन ने राज्य की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी है। 17 विधायकों के फोन बंद हैं, जिनमें छह मंत्री भी बताए जा रहे हैं।

राज्य में राज्यसभा की खाली हो रही तीन सीटों के चुनाव ने सियासी माहौल को गर्माया है तो दो दावेदारों ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच राज्यसभा में जाने की चाहत ने कांग्रेस में घमासान शुरू कर दिया। पहले 10 विधायकों के अचानक लापता होने का आरोप भाजपा पर लगा, इससे कांग्रेस किसी तरह उबर पाई थी, क्योंकि आठ विधायक लौट आए थे।

इसी बीच सोमवार को खबर आई कि सिंधिया के समर्थक 17 विधायक भोपाल में नहीं हैं। ये दिल्ली के बाद अब बेंगलुरू पहुंच चुके हैं। इन विधायकों और मंत्रियों जिनमें गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, तुलसी सिलावट शामिल हैं, के फोन बंद होने के खुलासे ने कांग्रेस की पेशानी पर बल ला दिए।

कांग्रेस के लिए यह मामला इतना गंभीर था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना दिल्ली दौरा बीच में ही छोड़कर भोपाल लौटना पड़ा। कमलनाथ ने दिन में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। भोपाल पहुंचे कमलनाथ ने अपने आवास पर पहले प्रमुख नौकरशाहों और उसके बाद नेताओं की बैठक बुलाई।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि सिंधिया को पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए और राज्यसभा में भेजा जाए। सिंधिया समर्थक विधायकों के फोन बंद आने के बाद कांग्रेस लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रही है मगर किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

मुख्यमंत्री ने भोपाल लौटते ही मुख्यमंत्री आवास में पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के अलावा राज्य सरकार के मंत्री व विधायक मौजूद रहे।

राज्य में बीते एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों का शोर है। सरकार को समर्थन देने वाले 10 विधायक भी लापता हुए थे, जिनमें से आठ लौट आए हैं, इसी बीच सिंधिया समर्थक एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के दिल्ली पहुंचने की खबरें आई हैं। इन सभी विधायकों के फोन भी बंद हैं।

वर्तमान विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है, राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं, दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। सिंधिया समर्थक अगर दूरी बनाए रहते हैं तो इस स्थिति में सरकार पर संकट बना रह सकता है।

एक तरफ जहां कांग्रेस अपने विधायकों को जुटाने में लगी है, सभी विधायकों को भोपाल तलब किया गया है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में भाजपा ने मंगलवार को विधायक दल की भोपाल में बैठक बुलाई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it