Top
Begin typing your search above and press return to search.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की संपत्ति का विवरण मांगा

पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई द्वारा जांच की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को घोटाले की जांच कर रही एजेंसी के एसआईटी के सभी सदस्यों की संपत्ति का विवरण मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की संपत्ति का विवरण मांगा
X

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को घोटाले की जांच कर रही एजेंसी के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सभी सदस्यों की संपत्ति का विवरण मांगा। जस्टिस गंगोपाध्याय ने यहां तक कहा कि कई बार उन्हें लगता है कि उन्हें खुद ही जांच संभालनी होगी और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट भेजनी होगी।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पूछा, सीबीआई फर्जी लगती है। ऐसा लगता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से जांच को संभालना होगा और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजनी होगी। क्या जांच प्रक्रिया को ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई5 को सौंपने की जरूरत है। उन्होंने सीबीआई की एसआईटी के सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा मांगा।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से पूछताछ पूरी करने और 10 फरवरी तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा।

गुरुवार को डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व सचिव रत्ना भट्टाचार्य ने अदालत को सूचित किया कि बोर्ड के गोपनीय खंड में उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी किया गया था, जहां केवल भट्टाचार्य और ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट बनाने वाली कंपनी के पूर्व अध्यक्ष, स्वर्गीय गौतम मुखोपाध्याय की पहुंच थी। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त ओएमआर उत्पादक इकाई को 2012 में नियुक्त किया गया था।

इसके बाद, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह भट्टाचार्य और ओएमआर उत्पादक इकाई के प्रबंधन के बीच रिश्ते की वास्तविक कहानी का पता लगाए। बुधवार को सीबीआई को भट्टाचार्य की विदेश यात्राओं, खासकर उनकी लंदन यात्राओं का विवरण नहीं होने के कारण न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के गुस्से का सामना करना पड़ा था। सीबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि केंद्रीय एजेंसी ने भट्टाचार्य के दो पासपोर्ट का पता लगाया है, जो इस समय घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it