केज कल्चर से मत्स्य पालन हो : गिरिराज
पशुपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने केज कल्चर विधि से मत्स्य पालन करने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि इस तकनीक से मत्स्य उत्पादन बढाया जा सकता है

नई दिल्ली। पशुपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने केज कल्चर विधि से मत्स्य पालन करने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि इस तकनीक से मत्स्य उत्पादन बढाया जा सकता है ।
श्री सिंह ने यहां विश्व मत्स्य दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि केज कल्चर मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त है । इसका उपयोग जलाशयों में भी किया जा सकता है । मछली पकड़ने के बाद उसके नुकसान होने की दर पहले 30 प्रतिशत थी जो अब घटकर 25 प्रतिशत पर आ गयी है और आने वाले वर्षो में इसे 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
उन्होंने कहा कि ऐसी मछलियों की पहचान की जानी चाहिये जिसका विश्व बाजार में मांग है । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने मछलियों की 61 किस्मों की पहचान की है जिसका निर्यात किया जा सकता है ।
उन्होंने वैज्ञानिक ढंग से मत्स्य पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि वियतनाम में मत्स्य उत्पादन 20 गुना बढा है और इस पद्धति से भारत में भी मत्स्य उत्पादन बढाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि पंजाब में क्षरीय मिट्टी में मत्स्य पालन कर किसानों ने एक नया रास्ता दिखाया है । उन्होंने कहा कि पशुपालन और मत्स्य पालन से किसानों की आय दोगुनी करने में आसानी होगी ।
श्री सिंह ने कहा कि तमिलनाडु में 13000 मछुआरों ने अपने नाव का यांत्रिकरण किया है । राज्य में पायलट परियोजना के तौर पर 300 नावों को मछली पकड़ने के प्रयोग में लगाया गया है ताकि उसकी क्षमता का पता चल सके ।


