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जौहर ट्रस्ट से वापस जमीन लेने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर

उत्तर प्रदेश के रामपुर में मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को माध्यमिक शिक्षा विभाग की लीज पर दी गई मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन व भूमि को वापस लेने के प्रस्ताव पर योगी सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है

जौहर ट्रस्ट से वापस जमीन लेने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर में मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को माध्यमिक शिक्षा विभाग की लीज पर दी गई मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन व भूमि को वापस लेने के प्रस्ताव पर योगी सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। जौहर ट्रस्ट द्वारा 30 वर्षों के लिए सरकार से लीज पर मिली जमीन की शर्तों का पालन नहीं किया गया। ऐसे में योगी सरकार ने ट्रस्ट से जमीन वापस लेने का निर्णय लिया है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को यह जमीन 30 वर्ष के लिए मात्र 100 रुपए वार्षिक की दर से पट्टे पर दिया गया था। अब इस जमीन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। जौहर ट्रस्ट को दी गई भूमि से संबंधित पट्टा विलेख की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में जिलाधिकारी रामपुर ने 4 सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने जांच के बाद शासन को जो आख्या भेजी थी, उस पर विचार करने के बाद भूमि और भवन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। 41,181 वर्ग फुट क्षेत्रफल वाली इस भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार (माध्यमिक शिक्षा विभाग) में निहित किया गया है।

उन्होंने बताया कि 2007 में सपा के शासनकाल में रामपुर के मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्थापित जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर के कार्यालय को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को 30 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर दे दिया था। इसके लिए 100 रुपए वार्षिक प्रीमियम की दर से पट्टे पर दिए जाने के लिए प्रस्ताव के स्थान पर गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के प्राविधानानुसार मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए 100 रुपए वार्षिक रेंट की दर से पट्टे पर दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।

उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार ने फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके तहत लैंड परचेज, स्टांप ड्यूटी और कैपिटल इनवेस्टमेंट में छूट मिलेगी। साथ ही एफडीआई के माध्यम से यदि कोई उद्यम प्रदेश के युवाओं को ट्रेन्ड करता है तो उस पर भी उसे सरकार विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एफडीआई के माध्यम से उत्तर प्रदेश में जो निवेश आता था वो बहुत कम था। अन्य राज्यों की तुलना में यह केवल 9435 करोड़ रुपए था। इसलिए एफडीआई को आकर्षित करने के लिए एफडीआई नीति को मंजूरी प्रदान की गई है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति- 2022 में प्राविधानित स्टांप ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट अनुमन्य होगी। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 5 वर्षों के लिए 100 प्रतिशत छूट अनुमन्य होगी।

योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार 5 वर्ष की अवधि में प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 25,000 की सीमा तक अधिकतम 500 व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने की लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। इस पर सरकार 15 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

यूपी 112 को अगले तीन वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश स्तरीय इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम (ईआरएसएस) यूपी 112 के एडवांसमेंट पर सरकार का मुख्य फोकस है। अभी वर्तमान समय में यूपी 112 का रिस्पॉन्स टाइम एवरेज 13 मिनट है। अब इसमें नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके चलते कोई भी पीड़ित 50 मीटर तक यूपी 112 की गाड़ी को लोकेट कर सकेगा। अब एक साथ 40 हजार लोगों को एक दिन में अटेंड किया जा सकेगा। इस पर 3 साल में 597 करोड़ 42 लाख रुपए का व्यय भार आएगा।


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