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मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्र में भारत और म्यांमार के बीच एमओयू को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य अनुसंधान संबंध बनाने के लिए भारत और म्यांमार के बीच इस साल फरवरी में हस्ताक्षरित एक समझौते को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्र में भारत और म्यांमार के बीच एमओयू को दी मंजूरी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य अनुसंधान संबंध बनाने के लिए भारत और म्यांमार के बीच इस साल फरवरी में हस्ताक्षरित एक समझौते को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और म्यांमार के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्रालय के चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएमआर) के बीच फरवरी, 2020 में नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में जानकारी दी गई।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपसी शोध के विषयों में स्वास्थ्य अनुसंधान संबंधों को बढ़ावा देना है।

इसके मुख्य उद्देश्यों में संक्रामक रोगों का उन्मूलन (पारस्परिक रूप से निर्णय लिया जाएगा), उभरते और वायरल संक्रमणों के नेटवर्क प्लेटफॉर्म का विकास, अनुसंधान पद्धति प्रबंधन, क्लीनिकल ट्रायल, एथिक्स आदि में प्रशिक्षण/क्षमता निर्माण और नियामक तंत्र का सामंजस्य शामिल है।

कार्यशालाओं/बैठकों और अनुसंधान परियोजनाओं के लिए फंड की उपलब्धता उस समय उपलब्ध निधियों के अनुसारसमय-समय पर तय की जाएगी।

दोनों पक्ष हर संगठन के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) का गठन करेंगे। संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) सत्र एक बार भारत में और एक बार म्यांमार में आयोजित किए जाएंगे।

यात्रा से संबंधित खर्च, जिसमें वीजा प्रविष्टि, आवास, दैनिक भत्ता, स्वास्थ्य बीमा, जेडब्ल्यूजी सदस्यों के स्थानीय परिवहन शामिल हैं, को भेजने वाला पक्ष वहन करेगा जबकि जेडब्ल्यूजी बैठकों के आयोजन संबंधी खर्च आयोजक वहन करेगा।


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