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जर्मनी में गांजा कानूनी बनाने वाले बिल को कैबिनेट की मंजूरी

यह कानून चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की गठबंधन सरकार की एक सुधार परियोजना का हिस्सा है. इसमें अपराधों को रोकने की कोशिश भी शामिल है.

जर्मनी में गांजा कानूनी बनाने वाले बिल को कैबिनेट की मंजूरी
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बर्लिन में हुई प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, किसी को भी इस कानून का गलत मतलब नहीं समझना चाहिए. गांजा कानूनी हो जाएगा लेकिन यह हानिकारक तो रहेगा ही.

इस बिल का मकसद गांजाकी कालाबाजारी और ड्रग से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाना है ताकि हानिकारक चीजों का इस्तेमाल रोका जा सके और इसके ग्राहकों की संख्या में भी कमी लाई जा सके. लॉटरबाख ने कहा, बच्चों और युवाओं की सुरक्षा इस कानून का मुख्य उद्देश्य है. हालांकि फिलहाल जो मसौदा है, उसमें बदलाव होने की उम्मीद है क्योंकि संसद में इस पर बहस होगी. गर्मियों की छुट्टियों के बाद संसद के दोनों सदन बिल पर विस्तृत चर्चा करेंगे.

शर्तें लागू

आज का फैसला दो भागों वाली सरकारी का पहला कदम माना जा रहा है. प्रस्ताव में 21 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोग कानूनी रूप से नामित क्लबों से प्रतिदिन 25 ग्राम या प्रतिमाह 50 ग्राम तक गांजा ले सकते हैं. जबकि 18-21 उम्र की आयु वालों के लिए मासिक सीमा 30 ग्राम है. हालांकि, इन क्लबों में गांजे का इस्तेमाल प्रतिबंधित होगा.

इसके अलावा, प्रस्तावित बदलावों से घर में तीन किस्म के पौधे उगाने को भी अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाएगा. पांच साल के बाद, चुनिंदा शहर में गांजा बेचने के लिए "विशेषज्ञ दुकानों" को लाइसेंस दे सकते हैं. देश भर में दुकानों या फार्मेसियों में दवा वितरित करने के बजाय, वयस्कों के पास निजी तौर पर गांजा उगाने और इस्तेमाल करने का विकल्प होगा. साथ ही, वह गैर-लाभकारी "कैनबिस सोशल क्लब" में हिस्सा भी ले पाएंगे. इन क्लबों की सदस्यता सीमा 500 होगी. ये केवल जर्मनी में रहने वाले लोगों के लिए होंगे. कई क्लबों में कई सदस्यता की अनुमति नहीं होगी. क्लबों की लागत सदस्यता फीस से निकाली जायेगी. यह फीस सदस्यों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले मात्रा पर निर्भर करेगी.

काला बाजारी

माना जा रहा है कि इससे काला बाजारी को कम करने में मदद मिलेगी. अवैध डीलर इससे खुश नहीं होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका मकसद है कि लोग उत्पाद की उचित जानकारी के बिना डीलरों से खरीदारी न करें. लोगों को खराब प्रोडक्ट और ड्रग से जुड़े अपराध से बचाने में मदद होगी.

लॉटरबाख ने इस साल की शुरुआत में कहा, "हम कोई समस्या पैदा नहीं कर रहे हैं. हम एक समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं."

जर्मन न्यायाधीशों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन का कहना है कि इस योजना से न्यायिक प्रणाली पर बोझ कम होने के बजाय बढ़ने की संभावना है और यहां तक कि काले बाजार में गांजे की मांग भी बढ़ सकती है.

सरकार ने कहा है कि वह चुनिंदा क्षेत्रों में विनियमित कमर्शियल सप्लाई चेन के दूसरे चरण पांच-वर्षीय परीक्षणों की रूपरेखा तैयार करके नए कानून का पालन करने की योजना बना रही है. इसके बाद में वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा.

उदाहरण बनने की उम्मीद

पहले इस योजना के अंतर्गत देश भर में लाइसेंस प्राप्त दुकानों पर वयस्कों को भांग की बिक्री की अनुमति दी गई थी. मगर यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग के साथ बातचीत के बाद इसे कम कर दिया गया.

लॉटरबैक ने कहा है कि जर्मनी नीदरलैंड के मॉडल की तरह नहीं करना चाहता है. उनका मॉडल कम बाजार विनियमन के साथ गैर-अपराधीकरण को जोड़ता है. जर्मनी यूरोप के लिए एक उदाहरण स्थापित करने की उम्मीद करता है.

एम्सटर्डम लंबे समय से गांजा पीने के इच्छुक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. यहाँ भी अब कॉफी की दुकानों पर नियंत्रण लगाए जा रहे हैं. जबकि डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन ने गांजे को वैध बनाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन संसद ने इसे खारिज कर दिया. वहीं, फ्रांस की अपने सख्त भांग नियमों को उदार बनाने की कोई योजना नहीं है.


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