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किसानों के हक में 3 फैसलों को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी : तोमर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, किसानों को पूरे देश में अपनी उपज बेचने की आजादी और बिचौलिए की भूमिका समाप्त करने को लेकर तीन फैसलों को मंजूरी दे दी

किसानों के हक में 3 फैसलों को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी : तोमर
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, किसानों को पूरे देश में अपनी उपज बेचने की आजादी और बिचौलिए की भूमिका समाप्त करने को लेकर तीन फैसलों को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 और 'मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020' को मंजूरी दे दी गई।

मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीते 50 सालों से किसानों की जो मांग पूरी नहीं हुई थी, उसे सरकार ने पूरी कर दी है। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में किसानों के हक में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।

तोमर ने कहा, "देश में करीब 14 करोड़ किसान हैं, जिनमें से करीब 85 फीसदी किसान छोटे व मध्यम श्रेणी के हैं, जिनको उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है और इस बात को कोरोना काल में महसूस किया गया। इसलिए सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से किसानों को बंधन मुक्त बाजार की सुविधा मुहैया करवाने का फैसला किया।"

उन्होंने यह बात मौजूदा कृषि उत्पाद बाजार समिति यानी एपीएमसी अधिनियम के संदर्भ में कही।

उन्होंने कहा कि इन फैसलों से किसानों को पूरे भारत में कहीं भी अपनी उपज बेचने की आजादी मिलेगी और उनको सीधे तौर पर प्रसंस्करणकर्ता, निर्यातक व थोक खरीदार को अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा, जिससे बिचैलिए की भूमिका समाप्त हो जाएगी।

आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी आवश्यक वस्तुओं को बाजार के हवाले कर दिया जाएगा और इनके भंडारण की कोई सीमा या स्टॉक लिमिट सिर्फ अकाल, युद्ध, कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ही लागू होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिलने के बाद किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा, जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी।

अध्यादेश से राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी कृषि उत्पादों का उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा, जो राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं।

उन्होंने कहा कि "इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे। बाजार की लागत कम होगी और उन्हें अपने उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इसके अलावा अतिरिक्त उपज वाले क्षेत्रों में भी किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे और साथ ही दूसरी ओर कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी पड़ेंगी।"

अध्यादेश में कृषि उत्पादों का सुगम कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक ई-प्लेटफॉर्म बनाए जाने का भी प्रस्ताव है।

इस अध्यादेश का मकसद एपीएमसी बाजारों की सीमा से बाहर किसानों को कारेाबार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराना है, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में अपने उत्पादों की अच्छी कीमतें मिल सकें।

तोमर ने कहा, "इससे 'एक देश, एक कृषि बाजार' बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। सरकार का लक्ष्य कठोर परिश्रम करने वाले किसानों को उनकी फसलों का वाजिब कीमत सुनिश्चित कराना है।"

वहीं, 'मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020' से किसानों को प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा और बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है और समाधान की स्पष्ट समयसीमा के साथ प्रभावी विवाद समाधान तंत्र भी उपलब्ध कराया गया है।


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