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रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मानव संसाधन कौशल और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के वड़ोदरा में देश के प्रथम राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय की स्थापना को बुधवार को मंजूरी दे दी

रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मानव संसाधन कौशल और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के वड़ोदरा में देश के प्रथम राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय की स्थापना को बुधवार को मंजूरी दे दी, जो रेलवे मंत्रालय की पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि यह विश्वविद्यालय यूजीसी की नोवो श्रेणी (मानद विश्वविद्यालय संस्थान) नियमन, 2016 के अंतर्गत मानद विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होगा।

बयान में कहा गया, "सरकार अप्रैल 2018 तक सभी स्वीकृतियां देने तथा जुलाई-2018 में पहला शैक्षिक सत्र शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।"

बयान में आगे कहा गया, "प्रधानमंत्री द्वारा विश्वविद्यालय स्थापना का प्रस्तुत प्रेरक नवाचारी विचार नए भारत की दिशा में रेल और परिवहन क्षेत्र में बदलाव का अग्रदूत होगा।"

बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा आठ के अंतर्गत लाभ नहीं कमाने वाली कंपनी बनाएगा, जो प्रस्तावित विश्वविद्यालय की प्रबंधक कंपनी होगी। कंपनी विश्वविद्यालय को वित्तीय तथा संरचना संबंधी समर्थन देगी और विश्वविद्यालय के कुलपति तथा प्रति-कुलपति की नियुक्ति करेगी। पेशेवर लोगों तथा शिक्षाविदों वाला प्रबंधन बोर्ड प्रबंधक कंपनी से स्वतंत्र होगा और उसे अपने सभी अकादमिक तथा प्रशासनिक दायित्व निभाने की स्वायत्तता होगी।

बयान में कहा गया है कि इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल की राष्ट्रीय अकादमी (एनएआईआर) की वर्तमान जमीन और अवसंरचना का इस्तेमाल किया जाएगा और विश्वविद्यालय उद्देश्य के लिए इनमें आवश्यक संशोधन किया जाएगा। यह पूर्णकालिक संस्थान होगा और इसमें 3,000 पूर्णकालिक विद्यार्थी प्रवेश लेंगे। नए विश्वविद्यालय/संस्थान का धन पोषण पूरी तरह रेल मंत्रालय करेगा।

यह विश्वविद्यालय भारतीय रेल को आधुनिकीकरण के रास्ते पर ले जाएगा और उत्पादकता बढ़ाकर तथा 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन देकर परिवहन क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता बनाने में सहायक होगा। विश्वविद्यालय कुशल मानव शक्ति संसाधन का पूल बनाएगा और भारतीय रेल में बेहतर सुरक्षा, गति और सेवा प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा।


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