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केबिन क्रू बॉडी ने जांच रिपोर्ट में खामी बताई, एआई क्रू की बहाली की मांग की

ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) ने कहा है कि पेशाब करने के मामले में हटाए गए एयर इंडिया के चालक दल को फिर से उड़ानों में बहाल किया जाए और पायलट-इन-कमांड (पीआईसी) के खिलाफ कार्रवाई को असामान्य रूप से कठोर दंड बताया

केबिन क्रू बॉडी ने जांच रिपोर्ट में खामी बताई, एआई क्रू की बहाली की मांग की
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नई दिल्ली। ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) ने कहा है कि पेशाब करने के मामले में हटाए गए एयर इंडिया के चालक दल को फिर से उड़ानों में बहाल किया जाए और पायलट-इन-कमांड (पीआईसी) के खिलाफ कार्रवाई को असामान्य रूप से कठोर दंड बताया। केबिन क्रू निकाय ने सोमवार को जारी एक पत्र में एयर इंडिया पेशाब मामले में एक आंतरिक समिति के निष्कर्षों को 'त्रुटिपूर्ण' करार दिया है।

केबिन क्रू बॉडी ने कहा कि विचाराधीन विमान के बिजनेस क्लास डिब्बे में 9बी सीट नहीं है।

हमारा ध्यान उन प्रेस रिपोटरें और आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के निष्कर्षों पर भी खींचा जाता है, जो अविश्वसनीय और त्रुटिपूर्ण हैं। एयर इंडिया 777-300 ईआर पर कोई सीट 9बी नहीं है और हमारे 15 चालक दल और चार पायलटों ने व्यक्तिगत रूप से नहीं किया है। केबिन क्रू बॉडी ने एक पत्र में कहा है कि वह रिपोर्ट, जो डीजीसीए को सौंपी गई है, वह भी गलत तथ्यों और गलत धारणाओं पर आधारित है।

ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने सोमवार को अपने पत्र में लिखा, एआईसीसीए ने एआई'-102 (26/11/22) पर डीजीसीए के प्रेस नोट का अवलोकन किया है और पायलट इन कमांड को असामान्य रूप से कठोर दंड दिए जाने पर गहरा खेद व्यक्त किया है।

इससे पहले विमानन नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान के पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था।

सोमवार को जारी पत्र में कहा गया है, एआईसीसीए यह कहने के लिए विवश है कि केबिन क्रू ने एनसीडब्ल्यू समिति के समक्ष गवाही नहीं दी और हमें इस निष्कर्ष पर खेद है कि केबिन क्रू कथित तौर पर वांछित नहीं थे, जबकि तथ्य पूरी तरह विपरीत हैं।

पत्र ने कहा, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हमारे चालक दल ने संबंधित लोगों को लैंडिंग पर घटना पर विस्तृत रिपोर्ट दायर की और निर्देशों पर कार्रवाई की। एआईसीसीए रिकॉर्ड पर रखता है कि सभी चालक दल और पायलटों ने कानून के भीतर और सुरक्षा, सुरक्षा के सर्वोत्तम हित में विवेकपूर्ण तरीके से काम किया।

विमानन नियामक डीजीसीए ने 20 जनवरी को एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 26 नवंबर, 2022 को हुए एयर इंडिया पेशाब मामले में पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया की निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3 लाख रुपये का जुर्माना।

नियामक के अनुसार, 26 नवंबर, 2022 को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जाने वाली एआई-102 उड़ान में यात्री दुर्व्यवहार की घटना 4 जनवरी, 2023 को ऊउअ के संज्ञान में आई, जिसमें एक पुरुष यात्री ने खुद को अव्यवस्थित तरीके से संचालित किया और कथित तौर पर एक महिला यात्री पर खुद को राहत दी।


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