सीएए प्रदर्शन: मेंगलुरु में कर्फ्यू की अवधि बढ़ी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के हिंसक धरना- प्रदर्शन को देखते हुए कर्नाटक के मेंगलुरु में एहतियातन लागू कर्फ्यू की अवधि रविवार की मध्यरात्रि तक बढ़ा दी है।

मेंगलुरु । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के हिंसक धरना- प्रदर्शन को देखते हुए कर्नाटक के मेंगलुरु में एहतियातन लागू कर्फ्यू की अवधि रविवार की मध्यरात्रि तक बढ़ा दी है।
यह कदम कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। शुक्रवार को कहीं से किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।
कर्फ्यू के कारण शुक्रवार को जन जीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। दुकानें एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं जबकि बसों और ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने गंतव्यों पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कर्फ्यू के कारण किसी भी सरकारी या निजी कार्यालयों में काम काज नहीं हो सका। पूरे जिले के शिक्षण संस्थानों में पहले ही अवकाश घोषित की जा चुकी है। दूध, दही, सब्जी, मांस, मछली आदि दैनिक इस्तेमाल की चीजें नहीं मिलने के कारण भी लोग परेशान हैं।
हिंसा से प्रभावित शहर के विभिन्न इलाकों में अब वीरानगी पसरी है। पुलिस इन इलाकों में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगायी हुयी है। सड़कों से बसें, टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा नदारद हैं जबकि कुछ इलाकों में कुछ निजी वाहन चलते दिखाई दिये। हालांकि शहर के किसी भी हिस्से से शुक्रवार को किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।
पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में एहतियात के तौर अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है
मेंगलुरु के पुलिस आयुक्त पी एस हर्ष ने कहा कि एक समुदाय विशेष के अनुरोध पर शुक्रवार को 12 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थिति की समीक्षा के बाद ही कर्फ्यू में ढील देने के बारे में निर्णय करेगी। उन्होंने शहर की स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने का भी दावा किया।
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्य सचिव रजनीश गोयल ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के अनुरोध पर गुरुवार रात एक अधिसूचना जारी कर मेंगलुरु शहर और दक्षिण कन्नड़ जिले में 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी। अधिसूचना के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये अफवाहों और फर्जी संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। गुरुवार को प्रदर्शनकारी कई जगह काफी उग्र हो गये और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और गोलीबारी भी करनी पड़ी।
हिंसक प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. हर्ष ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला किया और पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि हमले में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आयी हैं। हिंसा में घायल दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।
पुलिस के लाठी चार्ज में पूर्व महापौर अशरफ और एक पत्रकार भी घायल हुआ है। हिंसा के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़ जिले के सभी स्कूलों को शुक्रवार से ही बंद रखा गया है।


