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सीएए : जामिया इलाका 'युद्धक्षेत्र' में तब्दील, छात्र-पुलिस में झड़प

दक्षिण दिल्ली में नाराज भीड़ ने पेट्रोल बम से पुलिस कर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया

सीएए : जामिया इलाका युद्धक्षेत्र में तब्दील, छात्र-पुलिस में झड़प
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नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली में नाराज भीड़ ने पेट्रोल बम से पुलिस कर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया। नाराज भीड़ ने दक्षिणी दिल्ली को कब्जे में ले लिया। प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने व पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले भी दागे। हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया। जामिया मेट्रो स्टेशन युद्ध क्षेत्र में बदल गया।

वास्तव में विरोध प्रदर्शन को मध्य दिल्ली में फैलाने की कोशिश रही। छात्र संघों ने सभी छात्रों व दिल्ली के नागरिकों को रात 9 बजे दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर एकत्र होने का आग्रह किया, जिससे 'जामिया में अघोषित आपताकाल को तुरंत हटाया जाए।' जेएनयू छात्रों को भी साबरमती ढाबा पर एकत्र होने के लिए कहा गया।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर रविवार को प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों व राहगीरों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। करीब 1,000 लोगों की भीड़ ने सीएए को लेकर प्रदर्शन किया।

नाराज भीड़ ने करीब पांच बसों को आग लगा दिया या क्षतिग्रस्त किया और इसके अलावा विभिन्न कारों व एक बाइक को निशाना बनाया। पथराव में दो अग्निशमन अधिकारी घायल हो गए। नए नागरिकता अधिनियम को लेकर दक्षिण दिल्ली में करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चला। आगजनी व पथराव करने वाली उन्मत्त भीड़ ने निवासियों को धमकियां दी।

सुशील कुमार की सी.वी.रमन मार्ग पर दुकान है, उन्होंने आईएएनएस से कहा कि करीब हजार प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी बस पर पथराव किया, जो उनकी दुकान के बाहर खड़ी थी, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।

राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर यह विरोध प्रदर्शन का तीसरा दिन है। यह अधिनियम पाकिस्तान बांग्लादेश व अफगानिस्तान में सताए गए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन व बौद्ध लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा।

दुकान के मालिक ने कहा कि बस से किसी को उतरने नहीं दिया गया क्योंकि नागरिकों को खास तौर से निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा, "समूह में कुछ समझदार लोगों की वजह से प्रदर्शनकारियों ने पथराव बंद कर दिया। कुछ लोगों ने उनसे कहा कि हम सब भाई हैं। किसी को मार के बिल वापस नहीं होगा।"

कुमार ने कहा कि उनकी दुकान इसलिए बच गई क्योंकि उन्होंने तुरंत शटर गिरा दिया और प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ा हो गए।

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी (ईस्ट) के एक निवासी शक्ति सिंह ने आईएएनएस से कहा कि प्रदर्शनकारियों से लोग इतने भयभीत थे कि बहुत से लोग अपनी कार छोड़कर, जान बचाने के लिए भाग गए।

नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के आयोजक रविवार को हिंसक हो गए और जामिया नगर इलाके में सराय जुलेना के निवासियों की पुलिस से झड़प हुई।

हालात तब गंभीर हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने एक बस को आग लगा दी और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच टकराव के दौरान पथराव से एक फोटोग्राफर घायल हो गया।

सिंह ने एक कार की तरफ इशारा किया और कहा, "इस कार में महिलाएं थी, परिवार ने प्रदर्शन से नुकसान पहुंचने के डर से कार छोड़ भागने का फैसला किया। कॉलोनी के गेट को गार्डो ने तुरंत बंद कर दिया और प्रदर्शनकारी गेट नंबर तीन की तरफ बढ़ गए।"

एहतियाती उपाय के तौर पर दिल्ली पुलिस ने सुखदेव विहार मेट्रो के सभी प्रवेश व निकास के गेट को बंद करने का सुधआव दिया। आश्रम गेट मेट्रो पर गेट नंबर 3 को बंद किया गया और सुरक्षा तैनात कर दी गई।

इलाके की आसपास की सड़कों को ट्रैफिक की वजह से बंद कर दिया गया है। इस हंगामें में घायल लोगों को पास के होली फैमली अस्पताल में ले जाया गया।

इस आगजनी व विवाद से आश्रम से फ्रेंडस कॉलोनी और कालिंदी कुंज तक दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने आसपास के इलाके से ट्रैफिक को डायवर्ट किया।

प्रदर्शनकारियों ने मथुरा रोड के विपरीत न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के दोनों रास्तों को जाम कर दिया। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट किया कि ओखला अंडरपास से सरिता विहार के लिए सभी आवागमन बंद है।

ट्वीट में कहा गया, "बदरपुर की तरफ से आने वाले कार सवार लोगों को मोदी मिल फ्लाईओवर व सीआरआरआई की तरफ से आने वालों को नेहरू प्लेस की तरफ जाने की सलाह दी जाती है। आश्रम चौक की तरफ से आने वाले को रिंग रोड, मूलचंद फ्लाईओवर व बीआरटी कॉरिडोर या डीएनडी फ्लाईओवर की तरफ जाने का सुझाव दिया जाता है।"

दिल्ली फायर सर्विस के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि शाम 4.42 बजे एक कॉल मिली कि बसों में आग लगाई जा रही है।

अधिकारी ने कहा, "हमने दमकल की चार गाड़ियां भेजी, जिस पर एक हिंसक भीड़ ने हमला किया।"

उन्होंने कहा कि हमारा वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और दो अग्निशमन कर्मियों को चोटें आईं है। वे अस्पताल में हैं।

उन्होंने कहा, "इलाके में बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो गई, जिससे हम मौके पर पहुंचने में विफल रहे और ट्रैफिक जाम ने भी दिक्कत पैदा की।"

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि छात्र बसों को जलाने में शामिल नहीं थे।

उन्होंने कहा, "यह कुछ बाहरी लोगों ने किया, जो यूनिवर्सिटी व आसपास के इलाके में अशांति फैलाना चाहते हैं।"


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